qatar indian navy officers death penalty in hindi: केंद्र सरकार की कोशिश आखिर रंग ला ही गई। कतर की जेल में बंद नौसेना के आठ पूर्व नेवी अफसरों की सुनाई गई फांसी की सजा कम कर दी गई यानी अब उन्हें फांसी नहीं होगी।
नेशनल डेस्क। गल्फ देश कतर में अरेस्ट किए गए 8 पूर्व नेवी अफसरों को फांसी की सजा दिये जाने के मामले में बड़ी खबर सामने आई है। जहां पिछले साल गिरफ्तार किए गए ऑफिसर्स को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी गई है। पिछले अगस्त से भारतीय नौसेना के 8 पूर्व नेवी अफसर कतर की जेल में बंद है। कतर इन्हें फांसी की सजा क्यों सुनाई थी इस बारे में में कोई नहीं दी गई थी हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सभी पर जासूसी करने का आरोप था। जिसके बाद कतर की कोर्ट ने फांसी की सजा का फरमान सुनाया था, अदालत के फैसले पर केंद्र सरकार ने भी हैरानी जताई थी।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
इस मसले की जानकारी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर दी। बयान में कहा गया है,दहरा ग्लोबल केस में गिरफ्तार किए गए 9 पूर्व नेवी अफसरों को लेकर आए फैसले पर गौर किया गया तो पाया गया कि उनकी सजा कम कर दी गई है। हम कतर कोर्ट के विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहा है। वहीं भारत का अलग कदम क्या होगा। इस बारे में भी फैसला लिने के लिए हम कानूनी टीम और नेवी अफसरों के परिवारों से संपर्क में हैं।
प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे नेवी अफसर
बता दें, सभी 8 नेवी अफसर कतर की निजी कंपनी में कार्यरत थे। यह कंपनी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग के साथ अन्य सेवाएं प्रदान करने का काम करती है। रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसीज सर्विस है। कंपनी दावा करती है वह कतर सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों की भागदारी है। इससे तरह पूर्व 8 नेवी अधिकारियों में में पूर्णूंद तिवारी (रि.) राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित है। उन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से नवाजा था। बताया जाता है, पूर्णंद तिवारी इंडियन नेवी में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।
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Last Updated Dec 28, 2023, 4:43 PM IST