सेना में भर्ती होने के लिए युवाओं द्वारा तरह-तरह के हथकंडें अपनाकर फर्जी तरीके से इंट्री करने का बड़ा खुलासा हुआ है। आर्मी की स्पेशल टीम ने भर्ती हो चुके युवाओं के दस्तावेजों की गहनता से जांच की तो दो दर्जन से भी ज्यादा युवाओं द्वारा अपने दस्तावेजों से छेड़छाड़ की या फिर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवाने का मामला सामने आया। 

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चरखी दादरी सेना भर्ती कार्यालय के निदेशक कर्नल एकेएस पिल्लई ने बताया कि आर्मी द्वारा भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई नियमों में फेरबदल किए थे। बावजूद इसके दर्जनों युवा फर्जी दस्तावेजों से भर्ती होने में सफल हो गए। 

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हैरत की बात तो यह है कि बीडीओ व सरपंच ने भी अपनी वेरिफिकेशन में आरोपी युवकों के दस्तावेजों को सही ठहराते हुए अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां सेना से छुपाई। आरोपियों द्वारा वास्तविक उम्र से कई साल अपनी छोटी उम्र कागजातों में दिखाई है। सैन्य अफसरों ने अब मामले की जांच पुलिस को सौंपकर कोर्ट की शरण लेकर कार्रवाई की रणनीति बनाई है। अधिकारियों की मानें, तो दो दर्जन अभी और संदिग्ध मामले हैं, जिनकी जांच चल रही है।

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अक्टूबर 2017 में चरखी दादरी में सेना द्वारा भर्ती रैली का आयोजन किया गया था। भर्ती की सभी प्रक्रिया पूरी करने वाले उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा का परिणाम दिसंबर 2017 में जारी कर दिया गया। हालांकि इस दौरान आर्मी द्वारा सिलेक्ट हुए उम्मीदवारों की दस्तावेजों की जांच की गई तो कई संदिग्ध पाए गए। जांच टीम की मानें तो सेना में भर्ती होने के लिए युवाओं द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। युवाओं ने जहां अपने पिता का नाम बदला तो किसी ने अपनी जाति। वहीं करीब दो दर्जन युवाओं ने अपनी जन्मतिथि को ही छोटी करवाकर दस्तावेजों से छेड़छाड़ की। हालांकि आर्मी अधिकारियों द्वारा पूरे मामले की जांच मुख्यालय को भेजी है। अब दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सेना की ट्रेनिंग ले रहे हैं, उनके खिलाफ शिंकजा कसा जाएगा। 


आर्मी द्वारा एक दर्जन ऐसे मामले पकड़े गए हैं जहां भर्ती होने के लिए तरीके से अपनी जन्मतिथि, जाति व स्थान बदलकर ओपन स्कूल से परीक्षा पास की है। ऐसे उम्मीदवारों का पिछले स्कूल, गांव व प्रशासनिक कार्यालयों से रिकॉर्ड टैली किया गया। उन्होंने बताया कि अभी 21 ऐसे संदिग्ध मामलों की जांच चल रही है। जल्द ही फर्जी दस्तावेजों की जांच पूरी होने पर सारे मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।