सार्वजनिक जीवन में सादगी के प्रतीक गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है। 63 वर्षीय पर्रिकर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ। पिछले एक साल से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था। सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे। पर्रिकर के परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है। सोमवार सुबह 11 बजे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इस बीच, 18 मार्च को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इस दिन सरकारी इमारतों और राजकीय परिसरों में सरकारी ध्वज झुके रहेंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं। पर्रिकर बेहद साहस और सम्मान के साथ अपनी बीमारी से लड़े। सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण के मिसाल हैं और गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, 'मनोहर पर्रिकर के समानांतर कोई नहीं था। वह एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे। सभी उनकी प्रशंसा करते थे। देश के लिए उनकी सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा। मैं उनके निधन के काफी दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।'

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, 'वह आधुनिक गोवा के निर्माता थे। मिलनसार व्यक्तित्व और सुलभ स्वभाव के कारण वह इतने लंबे समय तक गोवा के पसंदीदा नेता बने रहे। उनकी जनहित की नीतियों ने गोवा की प्रगति को नए स्तर पर पहुंचा।'

पीएम ने लिखा, 'भारत रक्षा मंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल का हमेशा आभारी रहेगा। जब वह देश के रक्षा मंत्री थे, उन्होंने भारत की सुरक्षा क्षमताओं की बढ़ाने, रक्षा उत्पादन में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा देने और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया।'

कैंसर से गंभीर रूप जूझने के बावजूद वह बीते कई महीनों से मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे थे। नाक में ड्रिप लगाए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। गोवा में बीजेपी और राजनीति के एक मजबूत स्तंभ रहे मनोहर पर्रिकर आईआईटी से पढ़े थे। देश के पढ़े-लिखे और सादगी से जीवन जीने वाले नेता के तौर पर उनकी खास पहचान थी। फरवरी 2018 में पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर की पहचान हुई थी। वह गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज करा चुके थे। कुछ महीने पहले गोवा विधानसभा में 2019-20 का बजट पेश करने आए थे। तब उन्होंने आत्मविश्वास से कहा था, 'मैं जोश में भी हूं और होश में भी हूं।' 

13 दिसंबर 1955 को पैदा हुए पर्रिकर गोवा में बीजेपी के दिग्गज नेता थे। उनके नाम कई उपलब्धियां हैं। वह ना सिर्फ बीजेपी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं बल्कि मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का पद भी संभाला। उन्हीं के कार्यकाल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मपूसा में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई लोयोला हाईस्कूल से की। सेकेंडरी एजुकेशन के बाद पर्रिकर ने ग्रेजुएशन के लिए आईआईटी बॉम्बे का रुख किया। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। पर्रिकर भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले ऐसे पहले शख्स हैं, जो आईआईटी से थे। 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि पर्रिकर ने अपना पूरा जीवन देश और विचारधारा के लिए समर्पित कर दिया। अपने कार्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि लोग पर्रिकर को उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए जानते थे। उन्होंने बड़े लगन से देश और गोवा की सेवा की।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गोवा मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए कहा, उनका नेतृत्व हम लोगों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पर्रिकर भारतीय राजनीति में सादगी के प्रतीक थे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पर्रिकर के निधन पर ट्वीट कर कहा, 'मैं गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन की खबर सुनकर काफी दुखी हूं। वह पिछले एक साल से अपनी बीमारी से बहादुरी के साथ लड़ रहे थे। वह गोवा के प्रिय पुत्र थे। सभी उनका पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सम्मान करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।'