राज्य की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार को आज सदन में फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। जबकि सच्चाई ये ही कि सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जिसके कारण कुमारस्वामी सरकार का जाना तय माना जा रहा है। बागी विधायकों को मनाने की पूरी कोशिशें खत्म हो चुकी हैं। क्योंकि बागी विधायकों ने किसी भी कांग्रेस और जेडीएस के नेता से मिलने से मना कर दिया है।
कर्नाटक में कई दिनों से जारी सियासी जंग का आज अंत हो जाएगा। क्योंकि राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार को आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करना है। हालांकि कुमारस्वामी ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया। लिहाजा माना जा रहा है कि वह फ्लोर टेस्ट में किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं, लिहाजा उसका सामना करना चाहते हैं। फिलहाल ये तय माना जा रहा है कि बागी विधायक आज सदन में नहीं जाएंगे।
राज्य की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार को आज सदन में फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। जबकि सच्चाई ये ही कि सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जिसके कारण कुमारस्वामी सरकार का जाना तय माना जा रहा है। बागी विधायकों को मनाने की पूरी कोशिशें खत्म हो चुकी हैं। क्योंकि बागी विधायकों ने किसी भी कांग्रेस और जेडीएस के नेता से मिलने से मना कर दिया है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। यानी इसका अर्थ साफ है कि कांग्रेस और जेडीएस द्वारा जारी व्हिप का आदेश विधायकों पर लागू नहीं होगा। हालांकि आज जैसे ही सदन में विश्वासमत पूरा होगा, उसके बाद ये स्पष्ट हो जाएगा कि कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार बनी रहेगी या फिर गिर जाएगी।
क्योंकि सरकार के पक्ष और विपक्ष में पड़े मतों की संख्या सबको मालूम चल जाएगी। हालांकि इससे पहले कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है। क्योंकि अगर विधानसभा अध्यक्ष बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं करते भी हैं तो भी विधायक सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। जिसका असर कुमारस्वामी सरकार पर पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 बागी विधायकों के इस्तीफों का लेने का फैसला विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार पर छोड़ दिया था। फिलहाल आज दोपहर तक राज्य की स्थिति साफ हो जाएगी कि कुमारस्वामी सरकार रहेगी या फिर उसे सत्ता से बाहर होना पड़ेगा। अगर 15 बागी विधायक सदन में गैरमौजूद रहते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 224 से घटकर 208 हो जाएगी। जबकि बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी। वहीं मौजूदा सरकार के पास महज 100 विधायक हैं। जबकि भाजपा के पास 107 विधायकों का समर्थन है।
Last Updated Jul 18, 2019, 10:10 AM IST