बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने वहां की राजधानी ढाका में प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर के 1.5 बीघा ज़मीन आवंटित की है। इसके लिए लगभग साठ साल से मांग की जा रही थी। प्रधानमंत्री शेख हसीना 15 अक्टूबर को ढाकेश्वरी मंदिर गई थीं। उसी दौरान उन्होंने मंदिर को जमीन आवंटित किए जाने की घोषणा की। 

यह जमीन मंदिर के आस पास की ही होगी, जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 43 करोड़ रुपए है। मंदिर ट्रस्ट पिछले कई सालों से ज़मीन ख़रीदने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दाम बहुत अधिक होने के कारण मुश्किलें आ रही थीं। 

जिसके बाद शेख हसीना सरकार ने इसमें दखल दिया और मंदिर को छूट के साथ 10 करोड़ टका की क़ीमत पर जमीन दिला दी। इसके साथ उन्होंने मंदिर की देखभाल करने वाले हिंदू कल्याण ट्रस्ट का फंड 21 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ टका कर दिया है। 

बांग्लादेश में दिसंबर में आम चुनाव होने वाले हैं. हिंदू समुदाय शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का कट्टर समर्थक माना जाता है.

ढाकेश्वरी मंदिर प्राचीन भारत के बड़े शक्तिपीठों में से एक है। यहां पर शिवपत्नी मां सती के आभूषण गिरे थे। इसे बांग्लादेश के राष्ट्रीय मंदिर के रूप में मान्यता मिली हुई है। 

ढाकेश्वरी मंदिर के नाम पर ही बांग्लादेश की राजधानी को ढाका कहते हैं। यह प्राचीन शक्तिपीठ कितना पुराना है, यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन 12वीं सदी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ढाकेश्वरी मंदिर के वर्तमान ढांचे का निर्माण करवाया था। 

लेकिन 1971 की जंग में पाकिस्तानी सेना ने ढाकेश्वरी मंदिर को तबाह करने की कोशिश की थी। लेकिन यह मंदिर आज भी उसी शान से खड़ा है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी ढाका यात्रा के दौरान 7 जून 2015 को इस मंदिर में जाकर पूजा की थी और वहां खड़े रहकर पूरी आरती गाई थी। 

इस  मंदिर में माता ढाकेश्वरी की स्वर्ण प्रतिमा चांदी के सिंहासन पर आरुढ़ है।