नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश में अल्पसंख्यकों के बीच अपनी इमेज को सुधारने के लिए बड़ा काम करने जा रहे हैं। पांच दिन पहले ही इमरान खान ने सिख धर्म के लोगों को लुभाने के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उद्घाटन किया। वहीं अब वह हिंदू धर्म के लोगों को लुभाने के लिए बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं। असल में ये सब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों को छिपाने के लिए हैं।

असल में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब पाकिस्तान में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी में है। पाकिस्तान में करीब 70 लाख हिंदू रहते हैं। ये हिंदू कराची और सिंध प्रांत में ही ज्यादा है। बाकी पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में कभी हिंदू रहते थे। जो धीरे धीरे इस्लाम धर्म को ग्रहण कर चुके हैं और कई वहां से भागकर भारत आ चुके हैं। पाकिस्तान में आए दिन हिंदू अल्पसंख्यकों पर जुल्म की घटना सामने आती है। हाल ही में एक हिंदू लड़की को उसके कॉलेज में रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी।

इसको लेकर अल्पसंख्यक समुदान ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इससे पहले कई नाबालिक हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उन्हें इस्लाम धर्म कबूलवाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। फिलहाल पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए किसी नरक से कम नहीं है। लिहाजा अब इमरान खान अल्पसंख्यकों में अपनी इमेज को सुधारने के लिए हिंदू मंदिरों को फिर से खोलने की तैयारी में है। असल में देश की आजादी के साथ ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी में लगातार गिरावट आई। जब भारत और पाकिस्तान अलग हुए थे उस वक्त पाकिस्तान की हिंदू आबादी कुल आबादी की 24 फीसदी से ज्यादा थी।

लेकिन अब वह महज एक फीसदी से कम हो गई है। असल में इस बात की पुष्टि सत्तारूढ़ पार्टी तहरीके इंसाफ के केंद्रीय सूचना सचिव अहम जवाद ने की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय लंबे समय से इन बंद पड़े मंदिरों को खोलने की मांग कर रहा है। लिहाजा सरकार ने इन मंदिरों को नए सिरे से खोलने का फैसला किया है। हालांकि कुछ समय पहले ये भी खबर आई थी इमरान खान पाकिस्तान में शिवमंदिर के दर्शन करेंगे। लेकिन अपनी घोषणा के बाद इमरान खान मंदिर नहीं गए। बल्कि उन्होंने मंदिर में अपने प्रतिनिधि को भेजा था।