नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर तैनात भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच तनाव लगातार जारी है। पाकिस्तान लगातार उकसावे वाली कार्रवाई करते हुए एलओसी से सटे रिहायशी इलाकों पर मोर्टार दाग रहा है। भारतीय सेना भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई का माकूल जवाब दे रही है। शुक्रवार और शनिवार को दोनों देशों के बीच लगातार गोलाबारी होती रही। भारी हथियारों से की जा रही गोलाबारी के निशान एलओसी के दोनों तरफ रहने वाले लोगों के घरों पर साफ देखे जा सकते हैं। भारतीय सेना ने खासतौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली जिले को निशाना बनाया है। यहां गोलों की गूंज और आसमान में धुएं का गुबार साफ देखा जा सकता है। 

14 फरवरी को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक बड़ा फिदायीन हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के  40 से ज्यादा जवानों की मौत हो गई थी। 

भारतीय सेना पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। इसके लिए भारी हथियारों का भी इस्तेमाल हो रहा है। पाकिस्तान का दावा है कि उसके यहां कई आम लोगों की मौत हुई है। अपुष्ट सूचना 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की है। भारत की ओर से हो रही आर्टिलरी फायरिंग से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। इन इमारतों को पाकिस्तानी सेना निगरानी और फायरिंग के लिए इस्तेमाल कर रही है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना आम लोगों की आड़ में भारत पर गोलाबारी कर रही है। 

26 फरवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर किए गए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने सिचुएशन कमांड और कंट्रोल रूम को कोटली शिफ्ट कर दिया है। बालाकोट में जैश का सबसे  बड़ा ट्रेनिंग कैंप था, जिसे भारतीय वायुसेना ने जमींदोज कर दिया। 

'डान' के मुताबिक, 'विशेषज्ञों के मुताबिक, नई दिल्ली को शांति के एक प्रस्ताव के तहत भारतीय पायलट लौटाया गया है। इससे दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव को घटाने में मदद मिलेगी।' अखबार ने कोटली के उपायुक्त डा. उमेर आजम के हवाले से लिखा है, 'भारत की ओर से गोलाबारी इतनी भारी है कि दो से तीन मोर्टार शेल नकियाल तहसील मुख्यालय के बाजार तक गिरे हैं।'

कोटली पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का सबसे बड़ा जिला है। पाकिस्तानी की राजधानी इस्लामाबाद और सेना मुख्यालय रावलपिंडी से यहां तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। 

'जियो न्यूज' के अनुसार, 'दोनों देशों के बीच हुई गोलीबारी में नकियाल सेक्टर में पाकिस्तान के दो जवान मारे गए। पाकिस्तानी सेना की प्रचार शाखा इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस यानी आईएसपीआर का कहना है कि भारतीय सेना रिहायशी इलाकों को निशाना बना रही है। भारतीय सेना के हमले में मारे गए सैनिकों की पहचान हवलदार अब्दुर्र रब और नायक खुर्रम के तौर पर हुई है।'

'डान' ने स्थानीय लोगों के हवाले से दावा किया, 'पिछली बार साल 2002 में भारत के गोले नकियाल बाजार तक पहुंचे थे। साल 2003 में दोनों देश एलओसी पर संघर्षविराम करने पर सहमत हुए थे।'