बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के बीच बिगड़े रिश्ते फिर सुधरने लगे हैं। जबकि अभी तक बागी तेवर अपनाये तेज प्रताप यादव ने न तो अपने पिता लालू प्रसाद यादव की सुनी और न ही अपनी मां राबड़ी देवी की। लेकिन रविवार को दोनों भाईयों के बीच रिश्तों को सुधारने के लिए उनकी बड़ी बहन मीसा भारती ने सेतु का काम किया और दोनों को समझाया। जिसके बाद दोनों के बीच नरमी देखने को मिल रही है।

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के चुनाव प्रचार में पहली बार तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव एक साथ मंच पर दिखे। राज्य में अब महज आठ सीटों पर चुनाव बचा हुआ है। तेज प्रताप पिछले दो महीनों से तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। वह अपने समर्थकों को टिकट न दिए जाने पर भी नाराज थे। यही नहीं राजद ने जो चुनावी गीत और विडियो जारी किया था, उसमें तेज प्रताप को कुछ ही सेकेंड के लिए दिखाया गया था। जिसको लेकर तेज प्रताप नाराज थे। कुछ दिन पहले तो तेज प्रताप यादव ने खुद को बिहार का दूसरा लालू प्रसाद यादव तक घोषित कर दिया। 

हालांकि पूरे राजद में अब तेजस्वी यादव को ही लालू प्रसाद यादव का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। जिसके बाद दोनों भाईयों में मतभेद उभर गए थे। फिलहाल दोंनो भाईयों के बीच रिश्ते बेहतर होते दिख रहे हैं। इसे सुधारने के लिए उनकी बहन मीसा भारती की अहम भूमिका मानी जा रही है। मीसा भारती बिहार के पाटलीपुत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही है और उन्हीं की रैली में दोनों भाई एक साथ दिखे। कुछ दिन पहले जब तेज प्रताप यादव मीसा का चुनाव प्रचार करने के लिए पाटलीपुत्र गए थे तो वहां पर पोस्टरों से उनकी तस्वीरें नदारद थी।

जिसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से बहस भी थी। लेकिन अब दोनों भाईयों को बहन ने समझाया है कि लालू प्रसाद के विरोधी यही चाहते हैं कि परिवार में टूट जाए। पिता लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और दोनों भाई लड़ रहे हैं। अगर किसी को समस्या है तो वह सार्वजनिक मंच के बजाए घर में मिलकर बात करें। लिहाजा दोनों भाईयों ने बहन की बात मान ली। उधर पाटलीपुत्र में तेजप्रताप यादव ने कहा कि कृष्ण और अर्जुन दोनों साथ आए है। तेजस्वी हमारा हीरो है। चोर दरवाजा से सत्ता पाने वाले को वोट की ताकत दिखानी होगी।