लखनऊ। उत्तर प्रदेश से चार राज्यों के मुख्यमंत्री गुहार लगा रहे हैं। कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि वह उनके राज्य में मौजूद प्रवासी मजदूरों को वापस न बुलाए। क्योंकि इससे उनके राज्य में उद्योग प्रभावित हो सकता है। इन राज्यों का कहना है कि वह प्रवासियों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। लिहाजा वह उनकी गुजारिश पर गौर  करें।

कोरोना लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी राज्य में वापस आना चाहते हैं। प्रवासियों का कहना है कि राज्य में उनके लिए रोजगार नहीं है। लिहाजा राज्य में वापस आकर गांवों में खेतीबाड़ी कर लेंगे।  लिहाजा ज्यादा से ज्यादा प्रवासी राज्य में वापस आ रहे हैं। पिछले दिनों ही गुजरात और महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में प्रवासी राज्य में वापस आ चुके हैं और उन्हें क्वारंटिन किया गया है और अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें घर भेजा जाएगा। वहीं कर्नाटक, पंजाब, गुजरात और हरियाणा में मजदूर संकट को देखते हुए उद्योग ने सरकारों से गुहार लगाई है कि वह मजदूरों को वापस न जाने दें। क्योंकि इससे उद्योग पर मजदूर संकट हो सकता है।

लिहाजा चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को फोन कर गुहार लगाई है वह इन राज्यों से श्रमिकों को वापस न ले जाएं। पिछले दिनों ही पंजाब में एक लाख से ज्यादा प्रवासियों ने यूपी और बिहार में वापस जाने के लिए पंजीकरण कराया था। जिसके बाद पंजाब सरकार के हाथ पैर फैल गए थे। पंजाब सरकार ने प्रवासियों से वापस न जाने की गुजारिश की।  इन राज्यों के मुख्यमंत्री श्रमिकों के जाने से इसलिए और भी परेशान हैं क्योंकि मजदूरों के चले जाने के बाद बाद उनके राज्यों में आर्थिक गतिविधियां रूक सकती हैं। अभी तक राज्य में 6.5 लाख प्रवासी वापस आ चुके हैं और राज्य सरकार करीब 15 लाख लोगों के लिए स्वरोजगार उत्पन्न करने की योजना पर काम कर रही है।