सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। मेरे मूलभूत अधिकारों की जीत हुई है। मस्जिद को शिफ्ट किया जा सकता है मंदिर को नहीं। अंड़गा हट गया है, राम मंदिर का निर्माण होगा-सुब्रमण्यम स्वामी

 जहां रामलला विराजमान हैं, वहां कोई भी मस्जिद नहीं थी। अयोध्या में बहुत सी मस्जिदें हैं, वहां पर जाकर मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ें। नमाज तो सड़क पर भी पढ़ी जाती है- डॉ. रामविलास वेदांती, राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य

 अयोध्या विवाद को लटकाने की कोशिश करने वालों की हार हुई है- आलोक कुमार, विहिप नेता

यह फैसला मंदिर-मस्जिद पर नहीं था। मुस्लिमों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा- बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी

 सुप्रीम कोर्ट ने जो जरूरी समझा वही किया है- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

 अब मुख्य जमीन विवाद पर होगी सुनवाई

अब विश्व हिंदू परिषद् नहीं रुकेगा- सुरेन्द्र जैन, नेता विहिप

दिल्ली में 5 अक्टूबर से बुलाई जाएगी विश्व हिंदू परिषद की बैठक, राम मंदिर के लिए आगे का एजेन्डा तैयार किया जाएगा- विश्व हिंदू परिषद्

29 अक्टूबर से शुरु हो सकती है राम मंदिर जमीन विवाद की लगातार सुनवाई.....सुप्रीम कोर्ट..................

रोज हो सकती है अयोध्या मामले की सुनवाई, अब जल्दी हीआ सकता है अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला.....................

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण से सहमत नही हैं जस्टिस नजीर..................................

संवैधानिक पीठ को मामला नहीं सौंपे जाने से सहमत नहीं है जस्टिस नजीर.....................................

वर्तमान तीन जजों की बेंच ही आगे भी करेगी जमीन विवाद की सुनवाई-जस्टिस भूषण..................................

संवैधानिक पीठ को नहीं सौंपा जाएगा मस्जिद में नमाज का मामला-जस्टिस भूषण...............................

मुस्लिम पक्षकारों ने की थी अयोध्या मामले को संवैधानिक पीठ को सौंपे जाने की मांग...............................

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्षकारों की मांग..............................

मामले में तीन जजों की पीठ की राय अलग अलग.................................

दो जज संवैधानिक पीठ को मामला नहीं सौंपे जाने के पक्ष में...................................

एक जज जस्टिस नजीर की राय अलग, वह चाहते हैं मामला संवैधानिक पीठ को सौंपना..............................

जमीन विवाद और नमाज का अधिकार मामला अलग-अदालत...................................

विवादित ढांचे को गिराया जाना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन-अदालत......................................

जस्टिस भूषण ने किया था 1994 के पुराने मामले का जिक्र.........................................

पुराने फैसले में कहा गया, मस्जिद का विशेष दर्जा नहीं......................................

जमीन विवाद पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा.....................................

अयोध्या जमीन विवाद और फारुकी केस दोनो अलग................................

मुसलमानों को साबित करना होगा, कि मस्जिद के लिए जमीन आई कहां से- वसीम रिजवी..............................................