नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस तबलीगी मकरज पर बढ़ते दबाव के बाद प्रमुख मौलाना साद पिछले 28 मार्च से गायब है। दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद से ही निज़ामुद्दीन मरकज़ मौलाना साद गायब है। मंगलवार को उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद साद गायब है पुलिस उसके खिलाफ जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक सात अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिसमें जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, यूनुस, मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अशरफ शामिल है पुलिस का कहना है कि मौलाना साद का पता लगाने की खोज चल रही है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि निजामुद्दीन पश्चिम में तब्लीगी-ए-जमात के मरकज मंजूरी दे दी गई है।  सिसोदिया ने कहा कि 2,361 लोगों में से 617 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि बाकी लोगों को छोड़ दिया गया है। चिकित्सा कर्मचारियों, प्रशासन, पुलिस और डीटीसी कर्मचारियों ने 36 घंटे के इस ऑपरेशन में एक साथ काम किया।  उधर पुलिस ने मरकज के प्रबंधन पर सरकारी आदेशों का पालन नहीं करने के लिए महामारी रोग अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।  दिल्ली में कोरोनोवायरस के मामलों की 23 नए मामलों के साथ 120 हो गई।  इसमें 24 वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने निजामुद्दीन पश्चिम के मरकज़ में एक धार्मिक मण्डली में हिस्सा लिया था।

फिलहाल तबलीगी मकरज के मौलाना साद की सभी आलोचना कर रहे हैं। कल देवबंद ने ही साद की आलोचना कर देश को खतरे में डालने की बात कही थी। वहीं भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी कहा कि ये आतंकवाद है। वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान  ने एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि ये मानवता खिलाफ है और उन्होंने कहा कि वह इन लोगों के खिलाफ कई सालों से बोलते आए हैं। ये आम लोगों को अपना  हथियार बनाते हैं।