नई दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अब मलयेशिया को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है। मलयेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। जिसको लेकर भारत सरकार नाराज है। लिहाजा पहले पाम ऑयल पर झटका देने के बाद अब भारत सरकार मलयेशिया से आयात होने वाले माइक्रोप्रोसेसर पर बैन लगाने की तैयारी में है।

मलयेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद ने पहले कश्मीर और अब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बयान दिया है। जबकि ये भारत का आंतरिक मामला है। लेकिन मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद लगातार पाकिस्तान का मदद पहुंचाने के लिए भारत के खिलाफ आग उगल रहे हैं। वहीं मलयेशिया ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आग उगलने वाले और भगोड़े जाकिर नाइक को शरण दे रखी है। जिसको लेकर भारत पहले से ही नाराज है।

लिहाजा अब भारत मलयेशिया को बड़ा झटका देने के लिए वहां आयात किए जाने वाले माइक्रोप्रोसेसर्स पर पूरी तरह बैन लगाने पर विचार कर रहा है। हालांकि इससे पहले भारत ने वहां से आयात किए जाने वाले पाम ऑयल की खेप को कम करने कहा था और तेल आयात करने वाले व्यापारियों ने भी भारत सरकार से सहमति जताते हुए मलयेशिया से पाम ऑयल का आयात कम कर दिया था।

हालांकि भारत पहले ही मलयेशिया से साफ कह चुका था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और नागरिकता संशोधन कानून भारत के आंतरिक मामले हैं और किसी भी दूसरे देश को इसमें बोलने का अधिकार नहीं है। हालांकि पाकिस्तान, चीन और तुर्की और मलयेशिया को छोड़कर दुनिया के सभी देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताते हुए इसमें किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था।

फिलहाल भारत सरकार मलयेशिया से आयात होने वाली माइक्रप्रोसेसर्स चिप को तकनीकी आधार पर प्रतिबंध लगा सकती है। जिसके कारण उनसे आर्थिक तौर पर नुकसान होता है। इन चिपों का प्रयोग टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में होता है। फिलहाल इस खबर से मलयेशियाई बाजार में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं भारत द्वारा पाम ऑयल का आयात न करने से वहां के बाजारों में इसकी कीमत गिर गई है। क्योंकि भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। गौरतलब है कि भारत मलयेशिया से 10.8 अरब डॉलर आयात करता है जबकि इसकी तुलना में भारत महज 6.4 अरब डॉलर का निर्यात मलयेशिया को करता है।