आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुका पाकिस्तान अब चीन की साजिश में फंस गया है। चीन पाकिस्तान को सस्ते ब्याज दर कर्ज दे रहा है और इसके बदले वह अपने प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट चीन को दे रहा है।

चीन पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में  ग्वाुदर बंदरगाह का निर्माण कर ग्वादर के पास एक नया शहर बसा रहा है। इस शहर में पांच लाख चीनी नागरिक रहेंगे और उम्मीद की जा रही है कि 2022 तक यहां पर चीनी नागरिकों के लिए बने वाले मकान का काम पूरा हो जाएगा।

असल में एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान धीरे धीरे चीन की साजिश का शिकार हो रहा है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोकने के बाद पाकिस्तान को चीन से आर्थिक मदद मिल रही है। इसके जरिए चीनी कंपनियां पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का पूरा दोहन कर रही हैं।

साथ ही इसके जरिए खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। चीनी कंपनियों के कारण पाकिस्तान की कंपनियां बंद हो रही हैं। जिसके कारण पाकिस्तान में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। बहरहाल अब पाकिस्तान में चीन द्वारा चलाई जा रही परियोजना उसके लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं।

कुछ महीने पहले ही विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि चीन छोटे और कमजोर देशों को अपनी शर्तों पर कर्ज दे रहा है और उसके बदले उन देशों पर अपना आधिपत्य काबिज कर रहा है। बैंक ने साफ कहा कि चीन के कर्ज में पाकिस्तान और श्रीलंका फंस चुके हैं।

हालांकि चीन ने मालदीव को भी अपने जाल में फंसा लिया था, लेकिन वहां पर सरकार बदले ही इस चीन की साजिश नाकाम हो गयी है। श्रीलंका ने कर्ज के बदले समुद्र के किनारे उसे बंदरगाह स्थापित करने की अनुमति दी है। जिसका इस्तेमाल चीन आने वाले समय में अपनी सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भी करेगा।

इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के मुताबिक, ग्वांदर बंदरगाह गलियारा से पाकिस्तानन के कई प्रांतों इससे नुकसान हो रहा है। चीन दुनिया में खुद की ताकत बढ़ाने में जुटा है और वह पूरे एशिया पर कब्जा करना चाहता है। इसके लिए वह आर्थिक मदद के साथ ही सैन्य मदद दे रहा है।

ओबीओआर चीन का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। चीन चाइना-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत पाकिस्तान के ग्वादर में अलग शहर ही बसा रहा है। इस शहर में पांच लाख लोग चीनी लोग रहेंगे जबकि यहां पर किसी पाकिस्तानी को रहने की इजाजत नहीं होगी।

चीन करीब 15 करोड़ डॉलर की लागत से इस शहर को बसा रहा है। हालांकि इससे पहले ये प्रयोग चीन अफ्रीका और मध्य एशिया में कर चुका है। वहीं वह पूर्वी रूस और उत्तरी म्यांमार में भी जमीनें खरीद रहा है।

एक मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चीन पाकिस्तान में 2022 तक इस शहर को तैयार कर लेगा और चीनी नागरिकों के लिए इस शहर में करीब 5 लाख रहेंगे और उनके मकान बनाए जाएंगे। यही नहीं चीन अपने कामगारों के लिए विश्व के कई देशों में छोटी छोटी बस्तियां भी बसा रहा है।