सादगी, ईमानदारी, बेबाकी और चेहरे पर मुस्कान। गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की शख्सियत यही पहचान थी। जो कोई उनके मिलता पर्रिकर की इन खूबियों का कायल हो जाता। सार्वजनिक जीवन को सादगी के साथ कैसे जिया जाता है, इसकी मिसाल वह अपने पीछे छोड़ गए हैं। 

13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रिकर ने 1978 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजिनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। वह आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे। पर्रिकर पहली बार 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह लगातार चार बार इस सीट से जीतते रहे। इसके पहले गोवा की सियासत में किसी भी नेता ने यह उपलब्धि नहीं हासिल की थी। 

गोवा में भाजपा की जड़े जमाने वाले पर्रिकर का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव था। वह संघ की नॉर्थ गोवा यूनिट में सक्रिय थे। वर्ष 2000 में वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। उनकी छवि आम आदमी के सीएम के रूप में थी। अकसर स्कूटी से सीएम दफ्तर जाते उनकी तस्वीरें मीडिया में काफी चर्चित रहीं। हालांकि, उनकी पहली सरकार फरवरी 2002 तक ही चल सकी। 

कैंसर से जंग लड़ रहे पर्रिकर ने रविवार को आखिरी सांस लीं। हाल ही में गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी उन्होंने गोवा का बजट पेश किया था। तब उन्होंने कहा था, 'परिस्थितियां ऐसी हैं कि विस्तृत बजट पेश नहीं कर सकता लेकिन मैं जोश और पूरी तरह होश में हूं।' 

जून 2013 में प्रधानमंत्री प्रत्याशी के रूप में नरेंद्र मोदी का खुला समर्थन करने वाले बह पहले सीएम थे। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान पर्रिकर ने कहा था कि मैं आम जनता के संपर्क में रहता हूं, जो मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है। इसी कार्यकारिणी के दौरान मोदी को भाजपा प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था और उनकी पीएम उम्मीदवारी का रास्ता साफ हुआ था। 

पर्रिकर की क्षमताओं से वाकिफ पीएम मोदी ने नवंबर 2014 में उन्हें रक्षा मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। इस दौरान वह यूपी से राज्यसभा के लिए चुने गए। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में गोवा में सियासी रस्साकशी के बाद उन्हें दोबारा गोवा भेजा गया। संख्याबल कम होने के बावजूद भाजपा ने दूसरी छोटी पार्टियों के सहयोग से सरकार बना ली। 13 मार्च 2017 को राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। बतौर सीएम यह उनका चौथा कार्यकाल था।