आज वीरभूमि पहुंचकर कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल रहे। यही नहीं कल तक सोनिया गांधी के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हरियाणा के पूर्व सीएम भपेन्द्र सिंह हुड्डा भी अपने नेता को श्रद्धांजलि देने उनके समाधि स्थल पहुंचे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। आज वीरभूमि पहुंचकर कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल रहे। यही नहीं कल तक सोनिया गांधी के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हरियाणा के पूर्व सीएम भपेन्द्र सिंह हुड्डा भी अपने नेता को श्रद्धांजलि देने उनके समाधि स्थल पहुंचे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया।
आज सुबह राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वीरभूमि पर उनके समाधि स्थल पर पहुंचे और फूल चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल ने वीर भूमि पहुंचकर पूर्व पीएम को नमन किया।
गौरतलब है कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने और वह 1984 से 1991 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। राजीव गांधी को देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री का गौरव प्राप्त है। लेकिन 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में एक विस्फोट में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई।
जिसके बाद देश में हुए लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव को देश का प्रधानमंत्री बनाया। 1991 के आम चुनाव में कांग्रेस को 244 सीटों मिली। के साथ सत्ता में आई थी. यह अपनी तरह का एक अनोखा चुनाव था।
इस चुनाव के राजीव की हत्या से पहले कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और राजीव की हत्या के बाद कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली और पार्टी केन्द्र सरकार बनाने में सफल रही। इसके बाद नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने और पांच साल तक उन्होंने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार चलाई।
Last Updated Aug 20, 2019, 11:24 AM IST