सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल  हत्याकांड के आरोपी की उम्र को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। 

पंजाब व हरियाणा हाइकोर्ट ने प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोपी को बालिग मानने से इनकार कर दिया था। साथ ही जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले पर रोक भी लगा दिया था। 

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 20 दिसंबर 2017 में फैसला सुनाया था कि आरोपी पर बालिग की तरह केस चलाया जाए। वहीँ सीबीआई ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में गिरफ्तार नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने की मांग की थी।

गौरतलब है कि पिछले साल गुरुग्राम के नामी रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के छात्र प्रद्युम्न का शव बाथरूम में मिला था।मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कहा था कि पूरे मामले का दोषी गुरुग्राम रेयान इंटरनेशनल स्‍कूल के 11वीं का वह छात्र था, जिसने बस परीक्षा और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग यानी पीटीएम टलवाने के लिए इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। 

सीबीआई ने कोर्ट में पेश अपनी रिमांड कॉपी में दावा किया था कि छात्र ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। सीबीआई ने यह भी दावा है कि प्रद्युम्न संयोग से आरोपी छात्र का शिकार बन गया। आरोपी छात्र किसी छात्र की हत्या की ताक में था और उसी वक्त प्रद्युम्न वॉशरूम के पास दिखा जिसके बाद आरोपी ने उसकी हत्या कर दी।