मुंबई। महाराष्ट्र में हाशिए पर जा चुकी महाराष्ट्र की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बदलने की तैयारी में है। राज्य में किसी वक्त आधा दर्जन सीटों को जीतकर आने वाली एमएनएस राज्य में महज विरोध प्रदर्शनों के लिए ही जाने लगी है। कभी महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे के उत्तराधिकारी अब बाला साहेब के रास्ते पर चल कर पार्टी को फिर से स्थापित करने की तैयारी में हैं। अब एमएनएस राज्य में भगवा, सावरकर और हिंदुत्व की राजनीति करने पर जोर रही है। जबकि पहले महज मराठी अस्मिता के नाम पर राज ठाकरे ने राजनीति की शुरूआत की।

शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की जयंती के मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने अपने अधिवेशन की शुरूआत की। इस सम्मेलन में राज ठाकरे ने नया भगवा झंडा लॉन्च किया। वहीं उन्होंने हिंदुत्व और सावरकर की भी फोटो लगाई। जिससे इसका बात का अर्थ आसानी से समझा जा सकता है कि राज ठाकरे की पार्टी बदलने वाली है। क्योंकि राज्य में राज्य में शिवसेना जिस आक्रामकता से हिंदुत्व के मुद्दों को उठाती थी। वह कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के गुम से गए हैं।

लिहाजा एमएनएस का मानना है कि वह राज्य में इस कमी को पूरा कर सकती है। राज्य में पार्टी के पास संगठन भी है। लेकिन कोई एजेंडा न होने के कारण पार्टी हाशिए पर चली गई है। वहीं इस महाधिवेशन में राज ठाकरे अपनी पत्नी शर्मिला और बेटे अमित ठाकरे के साथ पहुंचे।  फिलहाल एमएनएस की कोशिश है कि शिवसेना से जुड़े कोर कार्यकर्ताओं को इन मुद्दों के सहारे अपने साथ लाया जाए। क्योंकि कभी राज ठाकरे शिवसेना में बाला साहेब ठाकरे के बाद बड़ा चेहरा हुआ करते थे। लेकिन उद्धव की राजनीति में एंट्री के बाद राज ठाकरे की शिवसेना में हैसियत कम हो गई। जबकि राज ठाकरे को शिवसेना का भविष्य माना जाता था। आज के अधिवेशन मेंमहाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का नया झंडा जारी किया है जो पूरी तरह से भगवा रंग का है।

इस झंडे में छत्रपति शिवाजी के वक्त की राजमुद्रा भी प्रदर्शित की गई है। जबकि इससे पहले एमएनएस का झंडा नीला, सफेद, केसरिया और हरे रंग का होता था। माना जा रहा है कि राज्य में शिवसेना का विकल्प बनने के लिए पिछले दरवाजे से भाजपा भी एमएनएस की मदद कर रही है। पिछले दिनों राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस और राज ठाकरे के मुलाकात की चर्चा थी। हालांकि बाद में भाजपा नेता इस बात को खारिज किया था।