जाने माने वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) के निदेशक एक संदिग्ध मरीज पर कथित रुप से अवैध और अनैतिक प्रयोग करने के आरोपों को लेकर चर्चा में हैं।
संबलपुर: जाने माने वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) के निदेशक एक संदिग्ध मरीज पर कथित रुप से अवैध और अनैतिक प्रयोग करने के आरोपों को लेकर चर्चा में हैं।
VIMSAR के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) द्वारा लगाये गए आरोपों के अनुसार, डॉ. अश्विनी पुजाहारी द्वारा करीब एक साल से किये जा रहे प्रयोगों पर उन्हें संदेह है। जेडीए ने आरोप लगाया है कि डॉ. पुजाहारी, कुछ अन्य सर्जन और अस्पताल के चिकित्सकों के साथ मिलकर ऑपरेशन थियेटर में कैंसर रोगियों के घावों पर नमक और नींबू के रस का प्रयोग कर रहे हैं। सेना के पूर्व डॉक्टर अपने मरीजों को अपने आधिकारिक चिकित्सा पैड पर मनगढ़ंत निर्देश देते हैं।
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है। राज्य सरकार ने मामले की जांच करने और 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई है। VIMSAR डीन और प्रिंसिपल ब्राज मोहन मिश्रा ने कहा कि उन्हें पिछले शनिवार को टीम के बारे में आधिकारिक जानकारी मिली थी, टीम 26 नवंबर को पहुंची और जांच के लिए दो दिन तक यहाँ रुकी। स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि अस्पताल में स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के एक सदस्य डॉ. नीलमाधव प्रुस्ती ने माय नेशन को बताया, "डॉ. अश्विनी पुजाहारी जो कर रहे हैं वह मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। उनके द्वारा उपयोग की जा रही प्रक्रिया के समर्थन में कोई प्रामाणिक वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्हें ऐसे में मानवों पर प्रयोग के लिए अनुमति किसने दी है? भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। "
17 नवंबर से जूनियर डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को दिए गए 48 घंटे के अल्टीमेटम के बाद डॉ. पुजाहारी के खिलाफ वे सभी विरोध में आंशिक हड़ताल पर हैं। अपनी 10 मांगों की सूची के साथ वे डॉ. पुजाहारी को संस्थान के निदेशक पद से को हटाने की मांग कर रहे हैं।
जेडीए के प्रवक्ता, श्री श्रद्धानंद राउट ने कहा, "डॉ. पुजाहारी को तुरंत VIMSAR के निदेशक पद से हटा दिया जाना चाहिए। ऐसे खतरनाक मानव प्रयोग और आपराधिक लापरवाही से निर्दोष मरीजों की हत्या के लिए उन पर FIR दर्ज की जानी चाहिए। "
डॉ. राउट ने यह भी कहा, "इससे पहले भी हमने कई पुलिस शिकायत दर्ज कराई हैं। उनके प्रयोगों के कारण हाल ही में तीन मरीजों की मृत्यु हुई है और इससे पहले भी कई मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। यह हत्या है क्योंकि आप सीधे किसी के भी पेट में नमक नहीं डाल सकते हैं। यह सब पिछले एक साल से हो रहा है और हम पिछले 10 दिनों से इसके खिलाफ़ अहिंसा पूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। "
जेडीए ने यह भी आरोप लगाया है कि डॉ. पुजाहारी ने अन्य डॉक्टरों के साथ मजबूत गठबंधन बना रखा है। उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को करियर बर्बाद करने के लिए धमकी भी दी। उन्होंने पुलिस के माध्यम से छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार का भी उल्लेख किया।
इस बीच निदेशक पुजाहारी ने जूनियर डॉक्टरों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए ओडिशा राज्यपाल को पत्र लिखा है। उनके अनुसार अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो उन्हें जो भी निर्धारित सजा होगी वो मंजूर है।
इस बीच, डॉ. पुजाहारी ने अपना बचाव करते हुए जानकारी दी कि "मैं हाइपरटोनिक सेलाइन का उपयोग कर रहा हूँ। जब भी आप हाइपरटोनिक सेलाइन का उपयोग करते हैं तो वह उस क्षेत्र में कैंसर की कोशिकाओं को बेअसर कर देता है, ताकि वे आगे ना बढ़ पाए और उसका रूप-परिवर्तन रुक जाये। "
"नमक एक बहुत ही आम सी चीज़ है, जो आपके टूथपेस्ट में मौजूद होता है। अधिकांश ENT डॉक्टर जिनके पास आप खांसी और ठंड के इलाज के लिए जाते हैं, वे भी आपको नमकीन गर्म पानी से गार्गल का सुझाव देते हैं। क्या आपको पता है कि हम कितना नमक पानी में डाल रहे हैं? हम नहीं जानते है, हम यहाँ सर्जरी नहीं कर रहे हैं, यहाँ मात्र प्रयोगात्मक सर्जरी की जा रही है। यदि सर्जरी के ठीक बाद कैंसर की कोशिकाओं के बचे हुए होने का संदेह होता है, तब सेलाइन को 5-7 मिनट तक रख कर हम इसे शरीर से पूरी तरह बहार निकल देते हैं और उस जगह को ठीक से धो देते हैं। मैं आपको इस पर कुछ लिटरेचर भेज दूंगा। "
उन्होंने आरोपों को "पूरी तरह से झूठा" कह कर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड में देख सकते हैं आप जिस भी मरीज की मौत हुई है उनमें से अधिकतर कैंसर के आखिरी चरण पर थे।
"मेरे पास सारे रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। वे 16-17 मौतें बता रहे हैं। यह मुमकिन नहीं है। मैं अपना डेटा रखता हूं। ये सभी झूठे हैं। मैं सन 88 में सर्जन बन गया था और तब से ही मैंने अपना डेटा पूरा व्यवस्थित रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोई भी इन फाइलों में जो भी डेटा है उसकी जाँच कर सकता हैं। "डॉ. पुजाहारी ने कहा," कभी भी आप उन्हें देख सकते हैं।"
डॉ. पुजाहारी ने आरोप लगाया है कि “ये सभी जूनियर डॉक्टर लड़के मेरे पीछे हैं क्योंकि उन्हें कुछ प्रोफेसरों द्वारा निकाल दिया गया था। वे अपनी ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे।" उन्होंने यह भी कहा कि छात्र ‘लिटरेचर’ की समीक्षा नहीं करते हैं और उनका मकसद सिर्फ परीक्षा में 80-100% प्राप्त करना है, वरना वे असफल हो जाएंगे, मेरे और प्रशासन के सख्त होने के कारण वे ये सब धमकी दे रहे हैं।
माईनेशन ने क्षेत्रीय कैंसर सेंटर, कटक के प्रतिष्ठित ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष होटा से बात की, जिन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि कैंसर के इलाज के लिए घावों पर आम नमक का उपयोग पूरी तरह से अनैतिक है और चिकित्सा नियमों और दिशानिर्देशों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में कहीं और कोई भी डॉक्टर कैंसर के इलाज के लिए नमक का उपयोग नहीं करता है क्योंकि बाजार का नमक स्टेराइल नहीं होता है और वह शरीर पर चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए बेहद घातक है।
Last Updated Dec 4, 2018, 4:36 PM IST