मुंबई। महाराष्ट्र में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने को लेकर शिवसेना एक बार फिर धर्मसंकट में है। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही है। लेकिन राज्य में इस लागू करने को लेकर शिवसेना की तरफ से स्थिति नहीं है। जबकि कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस कानून को राज्य में लागू नहीं करने देगी। हालांकि शिवसेना इस कानून को लागू करने से होने वाले नफा नुकसान को लेकर मंथन कर रही है।

नागरिकता संशोधन को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब ये जल्द ही पूरे देश में लागू हो जाएगा। लेकिन कांग्रेस शासित राज्य और टीएमसी समेत कई राज्य इस कानून को अपने राज्य में लागू करने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि ये कानून संवैधानिक नहीं है और राज्यों के भी अपने अधिकार है। लिहाजा केन्द्र सरकार इस कानून को राज्यों पर नहीं थोप सकता है। लेकिन सबसे मुश्किल में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार है। क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी इस कानून को महाराष्ट्र में लागू करने के खिलाफ है।

क्योंकि कांग्रेस संसद में इसका विरोध कर चुकी है और कांग्रेस शासित राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन अग्निपरीक्षा शिवसेना की है। क्योंकि लोकसभा में इस के लिए लाए गए बिल का समर्थन कर शिवसेना को कांग्रेस की नाराजगी झेलनी पड़ी थी और इसी कारण उसने राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वॉकआउट किया। हालांकि शिवसेना इस कानून को लागू करने के पक्ष में रही। लेकिन अब अगर वह इस कानून का राज्य में लागू नहीं करती है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।

क्योंकि शिवसेना का हार्डकोर वोटर भाजपा की तरफ खिसकेगा और भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। अगर वह इसे लागू करती है तो राज्य में गठबंधन सरकार को खतरा हो सकता है। लिहाजा शिवसेना प्रमुख और रणनीतिकार कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। हालांकि पार्टी के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस पर फैसला उद्धव ठाकरे लेंगे। कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा कि वह किसी भी हाल में इस कानून को राज्य में लागू नहीं करने देगी। क्योंकि ये संविधान के खिलाफ है।

गौरतलब है कि शिवसेना संसद में पेश हुए नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे मुश्किल में पड़ चुकी है। क्योंकि लोकसभा  में इस बिल का समर्थन करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने परोक्ष तौर शिवसेना पर निशाना साधा था। जिसके बाद राज्यसभा में शिवसेना ने यू टर्न लिया लेकिन सदन ने वॉक आउट करने पर शिवसेना ने परोक्ष तौर पर केन्द्र सरकार को  फायदा पहुंचाया।