मुंबई। कांग्रेस का नागरिकता कानून का विरोध अब महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार पर देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ किया है कि राज्य में इस  कानून को लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि ये सावरकर के विचारों के खिलाफ है। हालांकि राजनैतिक रणनीतिकार मानते हैं कि शिवसेना को सावरकर और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से राजनैतिक तौर पर नुकसान होगा।

राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी मिल गई है। कांग्रेस इसका विरोध कर रही है और कांग्रेस शासित राज्यों ने साफ कर दिया है कि वह अपने राज्यों में इस कानून को लागू नहीं करेंगे। राहुल गांधी और कांग्रेस इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस शिवसेना के साथ सत्ता में भागीदार है। लिहाजा अब शिवसेना पर कांग्रेस का दबाव देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रमुख बाला साहेब थोराट ने शनिवार को साफ कर दिया था कि राज्य में इस कानून को लागू नहीं किया जाएगा।

जबकि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस कानून को लागू करने का फैसला पार्टी अध्यक्ष करेंगे। लिहाजा आज शिवसेना ने साफ किया है कि इस कानून को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाएगा। इसके लिए शिवसेना ने वीर सावरकर का सहारा लिया है। शिवसेना का कहना है कि ये कानून सावरकर के विचारों के खिलाफ है। जबकि शनिवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज कसा था कि वह राहुल सावरकर नहीं है। असल में कांग्रेस का कहना है कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी।

हालांकि इससे पहले शिवसेना पर कांग्रेस का जबरदस्त दबाव देखने को मिला था। लोकसभा में जब नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया गया था तो उस वक्त शिवसेना इस बिल के पक्ष में मतदान किया था। लेकिन इसके बाद राहुल गांधी ने नाराजगी जताई थी। जिसके बाद शिवसेना ने यूटर्न लेते हुए राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वॉकआउट किया था। फिलहाल शिवसेना का पूरा जोर राज्य की सरकार बचाने को लेकर है। लिहाजा वह किसी भी रूप में कांग्रेस को नाराज नहीं करना चाहती है।