श्री शिवकुमार स्वामी जी फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दिन में 11.44 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार 22 जनवरी को दोपहर 4:30 बजे किया जाएगा। 

स्वामी जी के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। उनका 8 दिसंबर को बड़ा ऑपरेशन किया गया था। लेकिन उसके बाद से ही उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था और वह बीमार रहने लगे थे। हाल ही में उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। 

श्री शिवकुमार स्वामी जी अपने सामाजिक कार्यों के लिए बेहद प्रसिद्ध थे और समाज के हर तबके में उनका सम्मान बहुत ज्यादा था। वह लिंगायत-वीरशैव समुदाय के प्रमुख थे। 

स्वामी जी के देहांत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक संदेश भेजा है।

उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 'राज्य सरकार सिद्धगंगा मठ के मठाधीश श्री शिवकुमार स्वामीजी के निधन पर राजकीय शोक के ऐलान के साथ ही सभी स्कूल, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करती है।' 

उनके देहांत पर मुख्यमंत्री के अलावा कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा, एमबी पाटिल, केजे जॉर्ज और सदानंद गौड़ा भी मठ में मौजूद रहे।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी स्वामी जी के निधन पर शोक संदेश जारी किया है।

श्री शिवकुमार स्वामी जी को 2015 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। उनका जन्म 1 अप्रैल, 1907 को कर्नाटक के रामनगर जिले वीरपुरा गांव में हुआ था।

उन्हें कई तरह के समाज सुधार के कार्यों के लिए जाना जाता है। उनके अनुयायी उन्हें 12वीं सदी के समाज सुधारक बासवन्ना का अवतार मानते थे।