नई दिल्ली। पाकिस्तान में इमरान खान नियाजी की सरकार में सिखों और अल्पसंख्यकों में लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान से लेकर भारत और विदेशों में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार का विरोध हो रहा है। लेकिन पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के दोस्त और कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू गायब हैं। सिद्धू का न तो मीडिया में कोई बयान आया है और न ही सोशल मीडिया में किसी भी तरह की ट्विट। लिहाजा विरोधियों ने ये कहना शुरू कर दिया है कि सिद्धू ने पाकिस्तान जाकर अपनी आत्मा को पाकिस्तान सरकार और आईएसआई को सौंप दिया है.

पिछले एक साल के दौरान पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों में जुल्म बढ़े हैं। क्योंकि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार का वहां के कट्टरपंथियों को समर्थन है। माना जाता है कि पाकिस्तान सेना और कट्टरपंथियों के समर्थन से पाकिस्तान में इमरान खान सत्ता में आए। लिहाजा पाकिस्तान की सरकार की तरफ से वहां धर्मांतरण के लिए कट्टरपंथी लगतार दबाब बना रहे हैं। लेकिन दो दिन पहले ननकाना साहिब गुरुद्वारे में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हमला होने और एक सिख युवक की हत्या के बाद भी कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

क्योंकि इन दोनों मामलों लेकर भारत के साथ ही दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत में सिख समुदाय प्रदर्शन कर रहा है। ननकाना साहिब में सिखों को सरेआम धमकी दिए जाने के बाद गुरुद्वारा सिख कमेटी में पाकिस्तान जाने का फैसला किया है। हालांकि तीन महीने पहले जब पाकिस्तान में सिख लड़की को अगवा कर उसका धर्मांतरण करा लिया था, तब भी सिद्धू की तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई थी। हालांकि करतापुर कॉरीडोर के उद्घाटन के मौके पर सिद्धू ने पाकिस्तान जाने के लिए कई बार केन्द्र सरकार को पत्र लिखा और वहां जाकर इमरान खान की तारीफ भी की।

लेकिन अब इमरान खान में सिखों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुल्मों पर सिद्धू चुप हैं। जो सभी राजनैतिक दलों को खटक रही है।  शिरोमणि अकाली दल ने यहां तक कह दिया कि सिद्धू पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को ‘अपनी आत्मा बेच’ चुकी है और वह अपने देश और समुदाय के लिए ईमानदार नहीं हैं।