जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले आर्टिकल 370  और आर्टिकल 35 A पर लगातार विवाद जारी है। इन दोनों ही प्रावधानों की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। 

अदालत में इसे चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने अदालत से इस संवेदनशील मुद्दे पर जल्दी सुनवाई करने की अपील की।

जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी स्वीकार किया कि यह मामला बेहद संजीदा है और अदालत को इसपर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करनी चाहिए। 

हालांकि अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की कोई तारीख अभी तय नहीं की है। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने भरोसा दिलाया है कि वह इस मामले को देखेंगे। 

दरअसल धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद यानी धारा है, जो जम्मू-कश्मीर को भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार प्रदान करती है।

भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 का अनुच्छेद 370 जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था। 

इस विशेष कानून के कारण ही केन्द्र सरकार को रक्षा, विदेश और संचार के अतिरिक्त किसी भी और मामले में कानून बनाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है।