नई दिल्ली। कांग्रेस की सबसे ताकतवर महासचिव राज्यसभा प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्यसभा में भेजे जाने को लेकर जोरों से चर्चा चल रही है। हालांकि कांग्रेस पार्टी इस तरह के किसी भी फैसले को अफवाह बताकर खारिज कर रही है। लेकिन माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी का बंगला बचाने के लिए पार्टी ये अहम फैसला ले सकती है। हालांकि कांग्रेस में प्रियंका  के समर्थक दावा करते हैं कि प्रियंका के राज्यसभा में पहुंचने पर पार्टी मजबूत होगी। क्योंकि लोकसभा में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पहले से ही हैं।

असल में जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है वह प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजना  चाहते हैं। क्योंकि इन राज्यों के पास प्रियंका का उच्च सदन में भेजने का जरूररी बहुत है। लिहाजा राज्य में प्रियंका समर्थकों ने ये मुहिम चलाई है। कांग्रेस में प्रियंका गांधी के समर्थकों का कहना है कि प्रियंका गांधी के राज्यसभा में आने से पार्टी उच्च सदन में मजबूत होगी और वह केन्द्र सरकार को आसानी से कठघरे में खड़ा कर सकेंगी। हालांकि अभी तक प्रियंका गांधी सदन के बाहर केन्द्र  की मोदी सरकार को घेरती है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की राजनैतिक एंट्री यूपी में हुई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रियंका कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी थी। जबकि यूपी में प्रियंका कांग्रेस की स्टार प्रचारक थी और पार्टी अपनी परंपरागत सीट अमेठी भी नहीं जीत सकी थी। हालांकि कांग्रेस रायबरेली की सीट बचाने में कामयाब रही। लेकिन सोनिया गांधी की जीत का अंतर काफी कम हो गया था।

हालांकि चर्चा ये भी है कि प्रियंका को राज्यसभा में भेजने का असली मकसद प्रियंका का लोधी एस्टेट बंगला बचाना है। क्योंकि केन्द्र सरकार कभी भी प्रियंका गांधी से बंगला खाली करा सकती है। क्योंकि प्रियंका मौजूदा समय में न तो सांसद हैं और हाल ही में उनसे एसपीजी की सुरक्षा को वापस ले लिया था। जिसके तहत प्रियंका को ये बंगला मिला था। प्रियंका गांधी 1997 से ही लोधी रोड के इस बंगले में काबिज है। हालांकि प्रियंका गांधी इस बंगले के लिए किराया चुकाती हैं। वहीं की केन्द्र की मोदी सरकार ने 2015 में सरकारी आवास के आवंटन के नियमों में बदलाव किया।

जिसका असर प्रियंका गांधी को आवंटित बंगलें पर पड़ सकता है। वहीं कंग्रेस के एक धड़े का कहना है कि इंदिरा गांधी ने भी राज्यसभा के जरिए संसदीय पारी में एंट्री की थी। लिहाजा प्रियंका गांधी को भी राज्यसभा के जरिए एंट्री करनी चाहिए। इंदिरा गांधी को उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद राज्यसभा में भेजा गया था और उसके बाद वह देश की पीएम बनी। इस धड़े का  ये कहना है कि प्रियंका गांधी के राज्यसभा में जाने से केन्द्र की मोदी सरकार से लड़ने के लिए संसद के दोनों सदनों में गांधी परिवार को जगह मिलेगी। राहुल और सोनिया दोनों लोकसभा के सदस्य हैं।