नयी दिल्ली। भारत ने ऑनलाइन पेमेंट के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। भारतीय यूपीआई (Unified Payments Interface) ने न केवल चीन के Alipay बल्कि अमेरिका के PayPal को भी पीछे छोड़ दिया है, और यह उपलब्धि हर भारतीय को गर्व महसूस कराएगी। जैक मा का Alipay और अमेरिका का PayPal, जिनका कभी ऑनलाइन पेमेंट में एकाधिकार था, अब भारतीय यूपीआई के सामने फीके पड़ गए हैं।

अप्रैल से जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ का लेन-देन

आनलाइन पेमेंट के मामले में यूपीआई ने एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ रुपये का कुल लेन-देन कर दुनिया को चौंका दिया है। यह आंकड़ा सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल क्रांति की कहानी है। प्रति सेकेंड 3,729 यूपीआई लेन-देन इस बात का सबूत है कि भारत अब ऑनलाइन पेमेंट का ग्लोबल लीडर बन चुका है। साल 2022 में यह आंकड़ा 2,348 प्रति सेकेंड था, जिसे यूपीआई ने इस साल 58 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी के साथ पीछे छोड़ दिया है।

जुलाई 2023 में 20.6 लाख करोड़ का ट्रांजेक्शन

पेसिक्योर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में यूपीआई लेन-देन ने 117.6 मिलियन का आंकड़ा छू लिया है, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। जुलाई 2023 में 20.6 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन यूपीआई के नाम दर्ज हुआ, जो किसी भी एक महीने में सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। दिलचस्प बात यह है कि लगातार तीन महीने तक यूपीआई ने 20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता बता रहा है।

10 साल में 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा कर जाएगा पार

भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति अब केवल देश तक सीमित नहीं है। यूपीआई ने अपनी जड़ें दुनिया भर में फैलानी शुरू कर दी हैं। भारत के साथ-साथ अब संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में भी यूपीआई को अपनाया जा रहा है। एनपीसीआई के सीईओ दिलीप असबे को भरोसा है कि यूपीआई आने वाले 10 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा और यह डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में दुनिया भर में अव्वल होगा।

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