भारतीय कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि कुछ कमियां हैं लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 1-4 की हार को स्वीकार करना इतना मुश्किल नहीं है और उनकी टीम में आमूलचूल बदलाव लाने की जरूरत नहीं है।

इंग्लैंड की तुलनात्मक रूप से कमजोर मानी जा रही टीम श्रृंखला के दौरान अधिकांश मौकों पर भारत पर भारी पड़ी। मेजबान टीम भी हालांकि अपनी बल्लेबाजी को लेकर पूरी श्रृंखला में परेशान रही।

कोहली ने पांचवें और अंतिम टेस्ट में मंगलवार को 118 रन की हार के बाद कहा, ‘हम समझ सकते हैं कि यह श्रृंखला जिस ओर गई वह क्यों गई और हमें काफी बड़ा हिस्सा ऐसा नजर नहीं आता जिसमें बदलाव की जरूरत है। अगर आप प्रत्येक मैच में प्रतिस्पर्धा पेश कर रहे हैं और प्रत्येक मैच में कभी ना कभी आपका पलड़ा भारी रहा है तो इसका मतलब है कि आप कुछ सही कर रहे हैं।’ 

इंग्लैंड में हार से विदेशी सरजमीं पर भारत के खराब रिकार्ड में और इजाफा हुआ है। इससे पहले भारत को इसी साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी हार का सामना करना पड़ा था।

कोहली ने कहा, ‘बिलकुल भी मुश्किल नहीं है (दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड दौरे की हार को स्वीकार करना) क्योंकि मेरे लिए यह मायने रखता है कि आप किस रवैये के साथ क्रिकेट खेलते हो। चौथे मैच के बाद हमने कहा था कि हम हार नहीं मानेंगे और हमने नहीं मानी।’ 

टीम की जो कमजोरियां उजागर हुई उन पर बात करते हुए कोहली ने कहा कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि टीम मजबूत स्थितियों का फायदा उठाने में नाकाम रही।

कोहली ने कहा, ‘हमने दबाव बनाया। हम बल्ले से पर्याप्त समय तक दबाव बनाने में नाकाम रहे और गेंद से भी। उन्होंने (इंग्लैंड ने) इन हालात का फायदा हमारी तुलना में बेहतर तरीके से उठाया।’ 

रवि शास्त्री ने मैच से पहले कहा था कि यह विदेशी दौरा करने वाली भारत की सर्वश्रेष्ठ टीम है जब कप्तान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमें यह विश्वास करना होगा, आखिर क्यों नहीं। आपको क्या लगता है।’ 

इसके जवाब में जब सवाल पूछने वाले पत्रकार ने कहा,‘मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता।’ तो कोहली ने कहा, ‘यह आपका नजरिया है। धन्यवाद।’ 

कोहली ने हालांकि स्वीकार किया कि उनकी टीम हालात का पूरी तरह से फायदा उठाने में नाकाम रही जबकि इंग्लैंड ने इनका पूरा फायदा उठाया।

उन्होंने कहा, ‘आपको पता है कि इस श्रृंखला में हम हमेशा पीछे नहीं रहे और हमने वापसी की। हम इस श्रृंखला को ऐसी श्रृंखला के तौर पर नहीं देख रहे जहां हमें लगे कि हम विदेशी हालात में नहीं खेल सकते। लेकिन क्या हम महत्वपूर्ण लम्हों को विरोधी टीम से बेहतर तरीके से भुना सकते हैं। फिलहाल, नहीं, हम ऐसा नहीं कर पाए।’ 

कोहली ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य श्रृंखला जीतना था, कोई एक टेस्ट जीतकर खुश होना नहीं। श्रृंखला के नतीजे से निश्चित तौर पर हम खुश नहीं हैं लेकिन हम सही रवैये और प्रत्येक मैच में जीत की इच्छा के साथ खेले।’

कोहली ने श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाए लेकिन भारत को हार से नहीं बचा पाए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ संघर्ष पर कोहली ने इसे मजेदार बताया।

उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच कोई बहस नहीं हुई। पूरी श्रृंखला के दौरान अच्छा और प्रतिस्पर्धी माहौल रहा। कुछ शब्द बोले गए लेकिन ये व्यंग्यपूर्ण थे, गंभीर नहीं उसके जैसे खिलाड़ी हमेशा आपकी परीक्षा लेते हैं।’