NewsApr 13, 2019, 11:21 PM IST
13 अप्रैल, 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के दोषी को लंदन में गोली मारकर निर्दोष भारतीयों की मौत का बदला लेने वाले क्रांतिकारी का नाम है ऊधम सिंह। जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल बाद उन बेकसूर लोगों को याद करने के साथ-साथ ऊधम सिंह को याद करना लाजिमी हो जाता है। अपनी बदले की कसम पूरी करने के लिए ऊधम सिंह ने 21 साल का इंतजार किया और मौका मिलते ही इस घटना के जिम्मेदार जनरल डायर को गोली मार दी। इसके बाद यह क्रांतिकारी खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गया।
NewsApr 13, 2019, 11:56 AM IST
कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने भी जालियांवाला बाग नरसंहार को ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर 'शर्मनाक धब्बा' करार दिया था। हालांकि अभी तक ब्रिटेन ने इस घटना के लिए आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है।
NewsApr 13, 2019, 10:14 AM IST
अपने मिशन को अंजाम देने के लिए ऊधम सिंह ने अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका की यात्राएं कीं। सन 1934 में ऊधम सिंह लंदन पहुंचे और वहां 9 एल्डर स्ट्रीट कमर्शल रोड पर रहने लगे। 13 मार्च 1940 को लंदन के 'कॉक्सटन हॉल' में ऊधम सिंह ने अपनी कसम पूरी की।
NewsApr 13, 2019, 8:05 AM IST
भारत के इतिहास में 13 अप्रैल की तारीख बहुत ही ज्यादा महत्व रखती है। आज से 100 साल पहले ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को एक ऐसा जख्म दिया, जो आज भी सालता है। जिसको याद कर सिहरन सी होने लगती है।
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