Avdhesh Kumar
(Search results - 42)ViewsJun 12, 2019, 5:12 PM IST
पीएम मोदी की मालदीव और श्रीलंका की यात्रा से भारत को हुआ यह लाभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूसरी बार पद ग्रहण करने के बाद पहली एवं दूसरी विदेश यात्रा के लिए मालदीव और श्रीलंका के चयन का विशेष महत्व है। मोदी ने इसके द्वारा यह संदेश दिया कि पड़ोसी प्रथम नीति केवल सिद्धांत में नहीं भारत के आचरण में निहित है।
ViewsJun 10, 2019, 4:26 PM IST
अलीगढ़ मासूम हत्याकांड: इस हैवानियत पर क्या कहें और क्या न कहें
अलीगढ़ में अपनी मासूम बच्ची को गंवाने वाला परिवार अति साधारण रहा होगा तभी तो 10 हजार रुपया नहीं चुका पा रहा था। बच्ची के माता-पिता ने हत्यारे से पचास हजार रुपए उधार लिए थे जिसमें 40 हजार रुपए वापस किए जा चुके थे। केवल दस हजार रुपया बाकी रह गया था। हत्यारे ने बच्ची के दादा को रोककर पैसे लौटाने को कहा तो दोनों के बीच विवाद हो गया। इस पर आरोपी ने देख लेने की धमकी दे दिया और उसने वाकई ऐसा देखा कि जिसकी दुःस्वप्नों में भी कल्पना नहीं की जा सकती।
ViewsJun 6, 2019, 5:09 PM IST
कांग्रेस का रवैया उसे आत्मविनाश की तरफ ले जा रहा है
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक से बाहर आई खबरें केवल कांग्रेस के लिए नहीं भारतीय लोकतंत्र के भविष्य की दृष्टि से चिंता पैदा करने वाली है। यह इसलिए क्योंकि देश में सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली पार्टी दो करारी पराजय के बाद भी या तो यह समझ नहीं रही या समझने के लिए तैयार नहीं है कि इस दुर्दशा के लिए उसका स्वयं का विचार और व्यवहार जिम्मेवार है।
ViewsJun 3, 2019, 5:08 PM IST
जाकिर मूसा का मारा जाना आतंकवाद विरोधी जेहादी लड़ाई के खिलाफ बहुत बड़ी सफलता
चुनाव परिणामों और परवर्ती राजनीतिक घटनाओं के कारण जम्मू कश्मीर में जेहादी आतंकवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों की अति महत्वपूर्ण सफलता सुर्खियां नहीं बन सकीं। वास्तव में पुलवामा में खूंखार आतंकवादी जाकिर मूसा का मारा जाना आतंकवाद विरोधी लड़ाई की ऐसी महत्वपूर्ण सफलता है जिसका असर दूरगामी होगा।
ViewsJun 1, 2019, 2:55 PM IST
कांग्रेस के सामने अस्तित्व का संकट
कांग्रेस लंबे समय से नीति, नेतृत्व और रणनीति को लेकर भ्रम का शिकार रही है। नीति का मतलब है विचारधारा। कांग्रेस की विचारधारा क्या है यही आज स्पष्ट नहीं है। इस बार का उसका घोषणा पत्र कई पहलुओं में अतिवादी वामपंथियों का घोषणा पत्र लगता था। यह देश में सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली तथा स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत की पार्टी के वैचारिक दिशाभ्रम का प्रमाण ही है।
ViewsMay 29, 2019, 3:50 PM IST
जीत के बाद पीएम मोदी के भाषणों में दिखा ‘सर्वजन हिताय’ का लक्ष्य
पीएम मोदी सत्ताधारी भाजपा एवं राजग के नेता तथा देश के प्रधानमंत्री हैं। इसलिए उनके एक-एक शब्द मायने रखते हैं। उनकी बातें पार्टी के साथ उनके करोड़ों समर्थकों के लिए तो व्यवहार सूत्र की तरह हैं ही, विरोधियों के लिए अपनी सोच और व्यवहार में परिवर्तन के लिए विचार की अभिप्रेरणा देने वाला है। उदाहरण के लिए पार्टी मुख्यालय से देश और दुनिया को संबोधित करते हए उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मुझे जो कुछ कहा गया वो सब मैं भूल गया, चुनाव में विजय बहुमत से मिलता है लेकिन सरकार सर्वमत से चलती है।
ViewsMay 23, 2019, 8:00 PM IST
चुनावी परिदृश्य को देखते हुए ऐसे ही परिणाम की अपेक्षा थी
लोकसभा के चुनाव परिणाम बिल्कुल अपेक्षित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग राष्ट्रीय स्तर पर विचारधारा एवं रणनीति के मामले में संगठित ईकाई के रुप में उतरा था तथा पांच-छः राज्यों को छोड़ दें तो उसका अंकगणित विपक्ष पर भारी था। इसे कम करने के लिए विपक्ष को मुद्दों और रणनीति के स्तर पर इतना सशक्त प्रहार करना चाहिए था जिससे मतदाता नए सिरे से सोचने को बाध्य हों। पूरे चुनाव अभियान में राष्ट्रीय या राज्यों के स्तर पर इस तरह का सशक्त चरित्र विपक्ष का दिखा ही नहीं।
ViewsMay 17, 2019, 6:26 PM IST
लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती है पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा
कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में आयोजित रोड शो में जितनी संख्या में लोग उमड़े थे उससे पता चल रहा था कि वहां का राजनीतिक वातावरण बदल रहा है। किंतु वह रोड शो अपने गंतव्य विवेकानंद हाउस तक पहुंचता उसके पहले ही कॉलेज स्ट्रीट पर कुछ लोग काले झंडे लेकर विरोध कर रहे थे। लेकिन अचानक अमित शाह की गाड़ी पर डंडा फेंका गया। उसके बाद पथराव हुआ तथा आगजनी की कोशिशें हुईं। यह रोड शो को बाधित करने का प्रयास था।
ViewsMay 13, 2019, 12:01 PM IST
राजीव गांधी का ‘विराट’ सच
यह तर्क तो गले नहीं उतरता कि राजनीति में जो दिवंगत हो गए उनके कार्य और व्यवहार की चुनाव में चर्चा नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही राजीव गांधी के नाम पर चुनाव लड़ने के साथ उन पर आईएनएस विराट का छुट्टी मनाने के लिए उपयोग करने तथा बोफोर्स का जिक्र किया उसके विरोध में यही तर्क दिया जा रहा है।
ViewsMay 10, 2019, 3:00 PM IST
राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा की पिच पर फिर लौटा चुनाव
लोकसभा चुनाव जिस राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के पिच पर आरंभ हुआ था इस समय ठीक उसी पर ज्यादा सुदृढ़ तरीके से खड़ा दिख रहा है। चुनाव प्रक्रिया के बीच कुछ समय के लिए सतह पर इसका असर कम होने की संभावना अवश्य बनी लेकिन घटनाओं ने तथा विपक्षी दलों की गलत रणनीति ने फिर इसे वापस ला दिया।
ViewsMay 3, 2019, 1:01 PM IST
मसूद अजहर पर प्रतिबंध भारतीय कूटनीति की बड़ी सफलता: इसे कमतर ना करें
जिस मसूद अजहर को इमरान खान के एक मंत्री संसद में मसूद अजहर साहब कह रहे थे उसके खिलाफ आज उसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है। भारत की सघन कूटनीति के सामने पाकिस्तान की कोशिश अंततः असफल हुई तथा चीन को समझ आ गया कि मसूद अजहर जैसे आतंकवादी को रक्षा कवच देना उसके लिए अब जोखिम भरा है। पाकिस्तान और चीन को यह महसूस कराना भारतीय विदेश नीति की सामान्य सफलता नहीं है।
ViewsMay 1, 2019, 11:16 AM IST
संकट में शीर्ष न्यायपालिका
अगर निहित स्वार्थी तत्व न्यायालय में अपने मामले की सुनवाई के लिए अनुकूल पीठ तक गठित करवाने का खेल रच रहे हैं तो साफ है कि हमारी न्यायपालिका गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। उच्चतम न्यायालय को भी भ्रष्ट और बेईमान तत्व परोक्ष रुप से अपनी गिरफ्त में लेने में सफल हो रहे हैं और ज्यादातर न्यायाधीशों तक को इसका पता भी नहीं है। बेईमान पूंजीपतियों से लेकर अनेक प्रकार के लॉबिस्ट, बिचौलिए, निहित स्वार्थी तत्वों का जाल इसके इर्द-गिर्द भी फैल चुका है। जाहिर है, इसकी सम्पूर्ण सफाई अनिवार्य है।
ViewsApr 28, 2019, 12:33 PM IST
तीन चरण के चुनाव के बाद लगभग स्पष्ट हो गया है चुनावी परिदृश्य
उत्तर प्रदेश में विपक्ष की एकजुटता ने भाजपा समर्थकों को भी सजग किया है। यही स्थिति दक्षिण के राज्य कर्नाटक में भी थी। पश्चिम बंगाल में तृणमूल के नेता-कार्यकर्ता इतने परेशान क्यों हैं? चुनाव में चुनौती नहीं होती तो वे इस तरह हिंसा पर उतारु नहीं होते। उड़ीसा में भी भाजपा ज्यादातर सीटों पर बीजद से सीधे मुकाबले में हैं। महाराष्ट्र में शरद पवार के गढ़ बारामती तक में उनकी बेटी सुप्रिया सुले को भारी चुनौती मिली। चुनाव के दौरान भाजपा एवं शिवसेना के नेताओं-कार्यकर्ताओं में अद्भुत एकता दिखी है। चुनाव की ये सारी प्रवृत्तियां किस ओर इशारा कर रही हैं?
ViewsApr 26, 2019, 2:08 PM IST
वाराणसी में जंग शुरु होने से पहले तय हो चुकी है जीत
प्रियंका वाड्रा अगर वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरतीं तो उनकी पराजय निश्चित थी। लेकिन अगर वह पीएम मोदी को ठीक चुनौती भी नहीं दे पाती तो इसका संदेश बहुत बुरा जाता। उनके पहले ही चुनाव में पराजय का दंश लेना उनके एवं कांग्रेस के लिए ऐसा आघात होता जिससे उबरना कठिन हो जाता। कांग्रेस अपने इतने बड़े तुरुप के पत्ते की छवि बुझे हुए कारतूस जैसी बनाने का जोखिम नहीं उठा सकती थी।
ViewsApr 22, 2019, 11:25 AM IST
हेमंत करकरे बनाम साध्वी प्रज्ञा: सच वही नहीं जो हमें बताया गया
हेमंत करकरे का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है। भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपनी उत्पीड़न की व्यथा बताते हुए कह गईं कि हेमंत करकरे को मैने शाप दिया था। साध्वी की उम्मीदवारी के बाद से ही मौन धारण कर चुकी कांग्रेस तुरंत अपनी चुप्पी के खोल से बाहर आई और इसे शहीदों का अपमान बताया एवं भाजपा ने त्वरित प्रतिक्रिया दे दी कि हेमंत करकरे हमारे लिए शहीद हैं। साध्वी जी की अपनी पीड़ा होगी भाजपा उससे सहमत नहीं है।