Lord Shiva
(Search results - 33)Motivational NewsMar 8, 2024, 2:56 AM IST
Women's day: यूपी की इकलौती महिला महंत, पैथोलॉजिस्ट बनते बनते बन गईं सन्यासी, घर में नहीं जला था 9 दिन चूल्हा
यूपी की पहली और इकलौती महिला महंत है महंत देव्यागिरी। ऐसा नहीं था कि महंत दिव्या गिरी सन्यासी जीवन जीना चाहती थी। वह मेडिकल में अपना प्रोफेशन चुन चुकी थी। पैथोलॉजिस्ट बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी लेकिन भगवान शिव ने उन्हें अपने चरणों में बुला लिया और पिछले 16 साल से वह मनकामेश्वर मंदिर की महंत हैं।
LifestyleMar 7, 2024, 8:45 PM IST
Mahashivratri पर औरतें गलती से भी न छुए शिवलिंग,भुगतना पड़ेगा अंजाम
why ladies are not allowed to touch shivling: महाशिवरात्रि (mahashivratri 2024) 8 मार्च को मनाई जाएगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं लेकिन अगर आप शिवलिंग जल अर्पण करने की सोच रही हैं तो भूलकर भी मत करिएगा ऐसा करने से बहुत बड़ा पाप लग सकता है।
LifestyleMar 7, 2024, 3:51 PM IST
पाकिस्तान का शिव मंदिर ! सती की मृत्यु के बाद रोये थे यहां भोलेनाथ
पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई हिंदू मंदिर हैं। इन्ही में एक है कटसराज मंदिर जो भगवन शिव का मंदिर है। कटसराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस नामक स्थान में एक पहाड़ी पर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की सती की मृत्यु के बाद शिव यहां रोये थे।
LifestyleMar 7, 2024, 11:36 AM IST
Mahashivratri 2024: महादेव को प्रिय भस्म,महाशिवरात्रि पर घर पर यूं ऐसे करें तैयार
Maha Shivaratri 2024 shiv bhasma kaise banaye: महाशिवरात्रि का इंतजार हर शिवभक्त को बेसब्री से रहता है। बाबा भोले और मां पार्वती के विवाह का शुभ दिन इस बार 8 मार्च को है। ऐसे में अघर भी शिव भस्म से पूजा करने चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे घर आसानी से भस्म तैयार कर सकते हैं।
LifestyleMar 6, 2024, 7:59 PM IST
महाशिवरात्रि पर बनाएं आसान खूबसूरत रंगोली डिज़ाइन ! सब करेंगे तारीफ
8 मार्च को शिवरात्रि है। भोलेनाथ को खुश करने के लिए लोग तरह तरह के जतन करते हैं साथ ही घरों और मंदिरों में साज सजावट होती है। ऐसे में हम आपके लिए कुछ रंगोली डिज़ाइन हैं जिसे आप आसानी से शिवरात्रि से पहले अपने घर में बना सकती हैं। क्यूंकि रंगोली बनाना शुभ होता है।
LifestyleMar 5, 2024, 7:12 PM IST
Mahashivratri 2024: भारत ही नहीं इन 5 देशों में होती है महादेव की पूजा
mahashivratri kab hai 2024: महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा के भक्तों के लिए खास है। इस दिन महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है बाबा की पूर्ण विधिविधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं भारत ही नहीं दुनिया के ऐसे कई देश हैं जहां पर भगवान शिव की पूजा की जाती है।
NewsJul 13, 2020, 7:36 AM IST
आज सावन का दूसरा सोमवार, क्या आप भगवान शिव के बारे में जानते हैं ये बातें
भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ भी कहा जाता है। भगवान शिव को 'आदिदेव' भी कहा जाता है। क्योंकि 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। यानी इस ब्राह्मांड की रचना भगवान शिव ने की है। भगवान शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। वहीं रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं. वहीं शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का की भी पूजा की जाती है।
NewsJul 6, 2020, 7:14 AM IST
सावन का पहला सोमवार आज, तीन सदी के बाद आया है ऐसा संयोग
सावन के महीने में शिवभक्त शिवालयों में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगा जल और दूध ने ने स्नान कराते हैं और उसके बाद विधिवत तौर पर पूजा अर्चना करते हैं। वहीं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिग की पूजन परपंरा में शनि प्रदोष का विशेष महत्व है।
SpiritualitySep 15, 2019, 8:27 AM IST
भैरव का प्रतीक कुत्ता भी है शिव का गण, जानिए कैसे मिला उसे यह स्थान
भगवान शिव अनाथों के नाथ हैं। संसार में जिसका कोई सहारा नहीं होता उसे महादेव अवश्य अपने चरणों में स्थान देते हैं। यहां तक कि पशु पक्षियों की गिनती भी शिव के गणों में की जाती है। ऐसी ही एक कथा है काले श्वान यानी कुत्ते की। जिसे भगवान शिव ने अपने गणों में शामिल करके अपने प्रतिरुप भैरव का वाहन नियुक्त किया है।
SpiritualitySep 14, 2019, 9:31 AM IST
जानिए कौन है भगवान शिव की लाडली बिटिया, जिसका आदेश मानते हैं दुनिया के सभी सांप
भगवान शिव के परिवार का जब भी चित्रण किया जाता है तो देवी पार्वती और गोद में गणेश के साथ कार्तिकेय को दिखाया जाता है। जिससे ऐसा लगता है कि भोलेनाथ के मात्र दो पुत्र ही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव के एक पुत्री भी है। उनका नाम है मनसा देवी। जो अपने पिता की बेहद लाडली मानी जाती हैं। मनसा देवी को भगवान शिव ने नागलोक का साम्राज्य प्रदान किया है।
SpiritualitySep 13, 2019, 9:00 AM IST
जानिए कैसे हुए थी योगी आदित्यनाथ के नाथ पंथ की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ पंथ से पीठाधीश्वर भी हैं, जिनके पूरी दुनिया में लाखो शिष्य हैं। यह परंपरा स्वयं आदिनाथ यानी भगवान शिव से ज्ञान प्राप्त करके दादा गुरु मत्स्येन्द्रनाथ यानी मीननाथ ने शुरु की थी। जो कि महायोगी गुरु गोरखनाथ जैसे कई नाथ गुरुओं से होती हुई योगी आदित्यनाथ तक पहुंची है। आईए जानते हैं कैसे हुई नाथ संप्रदाय की शुरुआत-
SpiritualityAug 31, 2019, 7:53 AM IST
स्वयं भगवान शिव से उत्पन्न है भारतीय जीवन का आधार 'संगीत'
संगीत से भारत का बहुत बड़ा नाता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत पूरे विश्व की अद्भुत कला विरासत है। संगीत का हमारे जीवन से इतना लगाव इसलिए है क्योंकि ध्वनियों के संयोजन की पद्धति सबसे पहले भारत में निकाली गई यानी उसका व्याकरण रचा गया। सुर बनाए गए और उन्हें ताल देने के लिए वाद्य तैयार किए गए। संगीत की उत्पत्ति महादेव से मानी जाती है।
SpiritualityAug 30, 2019, 8:48 AM IST
संस्कृत है दुनिया की पहली भाषा और सनातन धर्म से है सभी संस्कृतियों की शुरुआत
कुछ लोग सनातन संस्कृति की शुरुआत को सिंधु घाटी की सभ्यता से जोड़कर देखते हैं। जो गलत है। वास्तव में संस्कृत और कई प्राचीन भाषाओं के इतिहास के तथ्यों के अनुसार प्राचीन भारत में सनातन धर्म के इतिहास की शुरुआत ईसा से लगभग 13 हजार पूर्व हुई थी अर्थात आज से 15 हजार वर्ष पूर्व। इस पर विज्ञान ने भी शोध किया और वह भी इसे सच मानता है।
NewsAug 27, 2019, 6:56 PM IST
यही सांप है भगवान शिव के गले का कंठहार, उम्र है 900 साल?
लखीमपुर खीरी के मैलानी कस्बे के एक घर से वन विभाग ने एक ऐसे सांप का रेस्क्यू किया है, जिसे तक्षक कहा जा रहा है। इस सांप के बारे में कहा जाता है कि इसकी प्रजाति 900 साल तक जिंदा रहती है। हालांकि वैज्ञानिक तौर से इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। लेकिन मान्यताएं हैं कि इस प्रजाति की सांप सबसे ज्यादा जिंदा रहता है।
Mysterious newsAug 12, 2019, 1:07 PM IST
सृष्टि निर्माण की रहस्यमय आदिकथा
प्राचीन शास्त्रों में लिखी गई कहानियां मात्र गल्प कथाएं नहीं हैं। उनका एक विशेष वैज्ञानिक आधार भी है। माय नेशन आपके लिए लेकर आया है देवी भागवत की एक कथा, जिसे हम वर्तमान वैज्ञानिक और सामाजिक संदर्भ में समझने की कोशिश करेंगे। यह अपनी तरफ का एक अनूठा प्रयास है।