बरेली की देवांशी यादव तीन बच्चों की कुंवारी माँ हैं, जब वो नौ महीने की थीं तो उनके पिता शहीद हो गए, माँ और नानी ने परवरिश की, संघर्षो से भरा है देवांशी का जीवन लेकिन उन्होंने संघर्षो से जूझते हुए अपनी पहचान बनाई और आज गरीब बच्चो के लिए काम कर रही हैं।