असल में शिवसेना पूरे देश में कट्टर हिंदुत्व की राजनीति का चेहरा माना जाता है। जबकि कांग्रेस खुद को सेक्युलर साबित करती है। शिवसेना का प्रभाव केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित है। क्योंकि इससे बाहर न तो शिवसेना का राजनैतिक आधार है और न ही वोट बैंक। महाराष्ट्र में भी शिवसेना हिंदूओं की पार्टी मानी जाती है। लेकिन मौजूदा राजनीति में दोनों दल अपने अपने चेहरे को बदल रहे हैं। जिसको सवाल उठाने लाजमी है। लेकिन इसे राजनीति के ही रंग कहेंगे। जो कभी भी बदल सकते हैं।