शनिवार का दिन भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा खास रहा। एक तरफ तो पार्टी ने महासदस्यता अभियान चलाया, दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस विधायकों में इस्तीफा देने की होड़ मच गई, तेलंगाना में पूर्व मुख्यमंत्री को अमित शाह ने बीजेपी में शामिल कर लिया और बीजेपी नेता सुनील देवधर ने आंध्र प्रदेश में टीडीपी के कई विधायकों और विधान पार्षदों के संपर्क में होने का दावा किया।
क्या यह महज एक संयोग है? जवाब है बिल्कुल नहीं।
क्योंकि बीजेपी दक्षिण भारतीय राज्यों में पांव जमाने के लिए अंदरखाने बहुत सी कवायदें कर रही है। कर्नाटक, आंध्र और तेलंगाना की घटनाओं में तो उसके परिणाम की झलक मात्र है।