शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने भी कभी सत्ता में आने पर जिले का नाम बदलने का ऐलान किया था। जिसको लेकर भाजपा शिवसेना पर काफी आक्रामक है और लगातार राज्य सरकार पर जिले का नाम बदलने को लेकर दबाव बना रही है। जबकि शिवसेना सरकार में सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी इसके खिलाफ थे।