Avdhesh Kumar
(Search results - 42)ViewsApr 19, 2019, 3:04 PM IST
दिग्विजय और साध्वी प्रज्ञा की चुनावी टक्कर के मायने क्या हैं
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2009 से धीरे-धीरे हिन्दुत्व के कारण सरकारी उत्पीड़न का शिकार होने वाली तथा तमाम विकट परिस्थितियां उत्पन्न किए जाने के बावजूद नहीं डिगने वाली व्यक्तित्व के रुप में उभरी हैं। जब उन्हें जमानत मिली तो उनको रीसीव करने वाले तथा भोपाल में इलाज के दौरान उनसे मिलने आने वालों की संख्या से पता चलता था कि उनकी लोकप्रियता कितनी बढ़ चुकी है।
ViewsApr 16, 2019, 4:31 PM IST
क्या पूरी दुनिया मोदी को ही पीएम के रुप में देखना चाहती है
दुनिया भर के देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने यहां के पुरस्कार प्रदान कर रहे हैं। अगर भारत की कोई संस्था उन्हें पुरस्कार देने की घोषणा करती तो हंगामा मच गया होता तथा चुनावी आचार संहिता आड़े आ जाता। लेकिन बाहरी देशों पर तो आचार संहिता लागू नहीं हो सकता। ऐसे में दुनिया के देशों द्वारा लगातार मोदी को ईनाम दिए जाने की घोषणा के क्या हैं मायने?
ViewsApr 13, 2019, 11:42 PM IST
सैन्य अधिकारियों की कथित चिट्ठी का उपयोग करके कांग्रेस ने किया सेना का राजनीतिक दुरुपयोग
कथित रुप से सैन्य अधिकारियों द्वारा जारी पत्र पर जिनके नाम हैं उनमें से किसी ने नहीं कहा कि हमने आपस में बैठकर यह फैसला किया। पत्र पर तूफान खड़ा हो ही रहा था कि कुछ लोग यह कहते हुए सामने आ गए कि पत्र में मेरा नाम बिना मेरे से पूछा लिखा गया है। हमें जब पता ही नहीं कि ऐसा कोई पत्र लिखा गया है तो उस पर हस्ताक्षर करने का प्रश्न कहां से पैदा होता है।
ViewsApr 10, 2019, 6:20 PM IST
आंकड़ों ने बताया हो रहा है चमत्कार: मोदी सरकार में बढ़ रहा है रोजगार
प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता के तहत शौचालय योजना, ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना, जल यातायात विकास, नमामि गंगे, सौभाग्य योजना, आम जन को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, आयुष्मान योजना आदि। इन सारी योजनाओं का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों तक पहुंचता हुआ दिख रहा है। ऐसा आंकड़ों का कहना है।
ViewsApr 9, 2019, 12:04 PM IST
राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, हिन्दुत्व और भारत के समग्र विकास का संकल्प
बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते समय प्रधानमंत्री ने अपने प्राक्कथन में स्वतंत्रता के 100 वें वर्ष यानी 2047 के भारत की बात की है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा भी कि हमारा संकल्प पत्र 2024 तक का है लेकिन इसमें 2047 तक के भारत के लक्ष्य को आधार देने का विचार शामिल है। इतनी कल्पना करने का माद्दा तो आज न किसी दूसरे दल में दिखता है, न किसी नेता में। तो अब संकल्प पत्र हमारे सामने है। इसके आधार पर हमें मत बनाना है।
ViewsApr 7, 2019, 8:33 PM IST
पाकिस्तान और देशविरोधियों पर आंख मूंदकर यकीन करने वाले इस तमाचे को हमेशा याद रखें
एक अमेरिकी पत्रिका की झूठी रिपोर्ट को आधार बनाकर पाकिस्तान ने दावा किया कि उसका कोई एफ16 विमान भारत ने नहीं गिराया है। हमारी पत्रकार बिरादरी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के ट्वीट को तो फॉलो करती ही है। बस, धड़ाधड़ समाचार फ्लैश कर दिया गया। हमने यह भी नहीं सोचा कि यह पाकिस्तान की कुटिल नीति हो सकती है। हमारे लिए अमेरिकी पत्रिका, इमरान खान सच और अपनी वायुसेना झूठी हो गई। इसी तरह नासा ने मिशन शक्ति को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा था कि इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 मलबे के टुकड़े फैल गए हैं। लेकिन डीआरडीओ अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने स्वयं सामने आकर नासा के वक्तव्य को तथ्यों के साथ खारिज कर दिया। आखिर कब तक हम अपनों की बात खारिज करके दूसरों पर भरोसा करते रहेंगे।
ViewsApr 6, 2019, 3:55 PM IST
राहुल गांधी की कांग्रेस कैसे अलग है नेहरु और इंदिरा की कांग्रेस से
हमारे देश में हर तरह के विचारों के समर्थन में खड़ा हो जाने वाले लोग मिल जाएंगे। भारत को तोड़ने की खुलेआम वकालत करने वालों के समर्थक भी हमारे यहां पूरी संख्या में मौजूद हैं। किंतु इसके आधार पर सही और गलत का निर्णय नहीं हो सकता। सच यह है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में देश की सुरक्षा, उनसे संबंधित कानूनों एवं कश्मीर के बारे में जो वायदे किए गए हैं उनको पूरा पढ़ने के बाद किसी दल निरपेक्ष व्यक्ति के अंदर चिंता का भाव पैदा हो जाएगा।
ViewsApr 2, 2019, 7:54 PM IST
कांग्रेस का घोषणा पत्र अवसर से चूक जाने का दस्तावेज
कांग्रेस नेता जो भी दावा करें, भले घोषणा पत्र तैयार करने के पीछे सोच-विचार की व्यापक प्रक्रिया दिखती है, इसे प्रभावी और व्यवस्थित बनाया भी गया है किंतु ऐसा लगता नहीं कि यह देश में लंबे समय तक राज करने का अनुभव रखने वाली पार्टी द्वारा की गईं घोषणायें हैं।
ViewsApr 1, 2019, 6:25 PM IST
वायनाड सीट हो सकती है राहुल के लिए सुरक्षित, लेकिन कांग्रेस को पड़ सकती है भारी
वायनाड जिला वायनाड संसदीय क्षेत्र नहीं है। इसमें वायनाड एवं मल्लप्पुरम की तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र और कोझिकोड की एक विधानसभा सीट आती है। मल्लपुरम की आबादी में 70.04 प्रतिशत मुस्लिम एवं 27.5 प्रतिशत हिन्दू हैं। यहां 2 प्रतिशत ईसाई भी हैं।
अगर वायनाड लोकसभा क्षेत्र के समीकरण को देखें तो यहां 56 प्रतिशत मुसलमान एवं 44 प्रतिशत हिन्दू एवं ईसाई हैं। यहां कुल 13 लाख 25 हजार मतदाता हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा यानी यूडीएफ में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग भी शामिल है जिसका यहां अच्छा प्रभाव है। यहां की मुस्लिम आबादी राहुल के लिए इसे सुरक्षित सीट बना देती है।ViewsMar 29, 2019, 8:21 PM IST
बंदूक से चली गोली को दूसरी गोली से निशाना बनाने जैसा सटीक परीक्षण है ‘मिशन शक्ति’
यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। लाइव उपग्रह तीव्र गति से अपने कक्ष में चक्कर लगाते रहते हैं। पृथ्वी की अपनी गति है। जो उपग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है उसकी गति उतनी ही तेज होती जाएगी। फिर उसमें निशाना लगाना उतना ही कठिन होता है। यह वैसे ही है जैसे रायफल से निकली हुई गोली को दूसरी गोली से निशाना बनाना। भारत इस मायने में भी पहला देश हो गया है जिसने पृथ्वी की कक्षा के इतने पास अपने उपग्रह को निशाना बनाया है। सिर्फ तीन मिनट में सफलतापूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया गया। यह अत्यंत ही कठिन ऑपरेशन था, जिसने बहुत ही उच्च कोटि की तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी। भारत ने ऐसा करके दुनिया में अंतरिक्ष सामरिक क्षमता की अपनी धाक जमा ली है।
ViewsMar 27, 2019, 4:36 PM IST
न्यूनतम गारंटी योजना खतरनाक और अदूरदर्शी राजनीति का प्रमाण
अगर कांग्रेस की सरकार बनने पर राहुल गांधी की योजना पर अमल होता है तो इस पर सालाना 3.60 लाख करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। यह 2019-20 के बजटीय खर्च का 13 प्रतिशत हिस्सा होगा। यह रकम मोदी सरकार द्वारा कल्याण योजनाओं पर सालाना खर्च किए जा रहे 5 लाख 3 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगी। राहुल गांधी और उनके सलाहकारों को भारत में कहां कुबेर का खजाना दिख गया है। इसीलिए देश का एक-एक अर्थशास्त्री इसका विरोध कर रहा है। राहुल गांधी की यह घोषणा भ्रम फैलाने वाली तो है ही देश की अर्थव्यस्था के लिए विनाशक भी है।
ViewsMar 25, 2019, 4:44 PM IST
अब क्या कहेंगे हिन्दू आतंकवाद का शिगूफा खड़ा करने वाले लोग
न्यायालय के फैसलों और टिप्पणियों को स्वीकार कर हमें मान लेना चाहिए कि पिछले सालों में हिन्दू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद का जो मुहावरा गढ़ा गया उसके पीछे केवल राजनीतिक दुर्भावना काम कर रही थी। स्वामी असीमानंद सहित कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा आदि उसी के शिकार थे। केन्द्र की यूपीए सरकार की पहल पर 26 जुलाई 2010 को मामला एनआईए को सौंपा गया था। स्वामी असीमानंद को उसके बाद में आरोपी बनाया गया।
NewsMar 22, 2019, 1:53 PM IST
इस्लामी आतंकवाद के विरूद्ध श्वेत ईसाइयत आतंकवाद का खतरनाक विचार
न्यूजीलैण्ड जैसी घटनाओं का विस्तार हो गया तो दुनिया का बड़ा भाग हिंसा-प्रतिहिंसा का शिकार हो जाएगा। हाल के वर्षों में जेहादी आतंकवादियों द्वारा ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, स्वीडन में किए गए हमलों ने उसके अंदर यह विचार पैदा किया कि मुसलमान श्वेतों पर विजय पाने के लक्ष्य से हिंसा कर रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि कटु सच को सार्वजनिक रुप से स्वीकार कर कार्रवाई न करने के कारण एक नए किस्म का क्रूसेड(धर्मयुद्ध) आरंभ हो जाए।
NewsMar 18, 2019, 7:31 PM IST
राजनीति में काम करने वालों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे मनोहर पर्रिकर
मनोहर गोपालकृष्ण पर्रिकर का जाना किसी एक प्रदेश के मुख्यमंत्री या भाजपा के नेता का जाना भर नहीं है। भाजपा और गोवा के लिए तो यह बहुत बड़ी क्षति है ही। गोवा में वैसा सर्वस्वीकार्य और भाजपा को उस तरह उदाहरण देने लायक दूसरे नेता शायद ही मिले। किंतु इन सबसे अलग यह देश के लिए क्षति है। इस मायने में भी आडम्बर और पाखंड के इस दौर में बिल्कुल सहज, सरल, सादगी में आत्मविश्वास से काम करने वाले दूसरा कोई नेता राष्ट्रीय क्षितिज पर दिखाई नहीं पड़ता।
ViewsMar 16, 2019, 5:28 PM IST
मसूद को बचाने वाला चीन पड़ गया है दुनिया मे अकेला
क्या यह मान लिया जाए कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा आतंकवादी घोषित न किया जाना भारत की कूटनीतिक विफलता है? कम से कम कांग्रेस का आरोप तो यही है। लेकिन क्या यह सच है? पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार का विश्लेषण-