आम आदमी का मंदिर के दर्शन और प्रतिदिन पूजा में भाग लेना मंदिर के निजी या सार्वजनिक चरित्र के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने यह टिप्पणी इंदौर के एक मंदिर के पुजारी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद किया है। पुजारी ने याचिका में कहा है कि मंदिर निजी है और राज्य को इस मंदिर के प्रबंधन, पूजा अर्चना और कृषि भूमि पर कब्जे का कोई अधिकार नहीं है।