असल में शिवसेना ने अपने रूख में बदलाव कर दिया है। क्योंकि राज्य में शिवसेना की अगुवाई में एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना दिख रही है। ये तय है कि जिस कट्टर हिंदू राजनीति को लेकर शिवसेना आक्रामक थी। वह अब राज्य में दिखेगी। बल्कि शिवसेना कांग्रेस की सेक्युलर छवि के जरिए राज्य में सरकार चलाएगी। इसके लिए शिवसेना भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में जेएनयू विवाद को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा गया है।