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(Search results - 262)NewsJan 19, 2020, 6:40 PM IST
नेताजी ने दिया था शिवपाल यादव को धोखा, शिवपाल ने किया इशारा
समाजवादी पार्टी से अलग होकर दो साल पहले पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह की यादव की पार्टी हालांकि लोकसभा चुनाव में कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी। लेकिन कई सीटों पर उसने सपा को हराने में अहम भूमिका भी निभाई। शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से सपा प्रत्याशी और अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। लेकिन शिवपाल को हार का सामना करना पड़ा।
NewsJan 16, 2020, 8:34 AM IST
सीएए का विरोध: जानिए कितने करीब पास और कितने दूर हैं विपक्षी दल
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर पिछले दिनों विपक्षी दलों ने बैठक बुलाई थी। इस बैठक की अगुवाई कांग्रेस से की थी। लिहाजा कई राजनैतिक दलों ने इन बैठक से दूरी बनाकर रखी थी, जबकि वह नागरिकता संसोधन कानून को लेकर इसका विरोध संसद से लेकर सड़क तक कर रह हैं। इस कानून का पश्चिम बंगाल में व्यापक तौर से विरोध रहा है और वहां की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इस बैठक में हिस्सा ही नहीं लिया।
NewsJan 15, 2020, 5:04 PM IST
बबुआ अखिलेश ने बुआ मायावती को कहा ‘हैप्पी बर्थडे’
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का आज 64वां जन्मदिन है और पार्टी उनका जन्मदिन मना रही है और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मायावती को जन्मदिन की बधाई दी है।
NewsJan 13, 2020, 8:20 AM IST
बसपा फिर देगी विपक्षी दलों को झटका, जानें माया ने क्या लिया फैसला
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की कोशिश है कि नागरिकता कानून को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाए। ताकि वह इस कानून को वापस ले। हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार किसी भी मामले में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। वहीं विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
NewsJan 13, 2020, 8:11 AM IST
मुलायम, माया को झटका देने की तैयारी में केन्द्र सरकार, घटेगा रूतबा
केन्द्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा वापस ली है। वहीं अब केन्द्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा में बदलाव करने का फैसला किया है। वीआईपी की सुरक्षा में तैनात एनएसजी कमांडो को हटाकर उन्हें आंतकवाद विरोधी अभियानों के लिए लगाया जाएगा।
NewsJan 12, 2020, 11:33 AM IST
जानें क्यों प्रियंका पर ज्यादा आक्रामक हो रही हैं माया
मायावती ने एक बार फिर आक्रामक तौर से कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा निशाना साधा है। मायावती ने साफ तौर पर कहा कि वह कोटा में मारे गए नवजात बच्चों पर शोक मनाने के लिए वहां नहीं जा सकती हैं। क्योंकि वहां पर कांग्रेस की सरकार है। प्रियंका गांधी जयपुर में कांग्रेस नेता के बेटे की शादी में जा सकती हैं लेकिन वह समय निकाल कर कोटा नहीं जा सकती हैं।
NewsJan 5, 2020, 8:06 AM IST
आखिर प्रियंका गांधी की सक्रियता से क्यों डरे हैं अखिलेश और माया
प्रियंका गांधी की लगातार उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो रही हैं। जो राज्य की सत्ताधारी भाजपा के साथ ही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को खटक रही है। क्योंकि राज्य में अभी कांग्रेस कमजोर स्थिति में है और कांग्रेस के मजबूत होने इन दोनों दलों की ही सीधेतौर पर नुकसान होगा। हालांकि अभी पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी का कोई भी दांव नहीं चला। जबकि प्रियंका गांधी ने राज्य में कई रैलियां की है और जनता को लुभाने के लिए प्रियंका मंदिर से लेकर मजार तक में गई।
NewsDec 3, 2019, 12:40 PM IST
अम्बेडकर के जरिए दलितों को साधने के लिए सपा-बसपा में शुरू हुई जंग
असल में इस साल की शुरूआत में सपा के बैनर और पोस्टरों में आम्बेडर और काशीराम की तस्वीरें दिखाई दी थी तो बसपा के पोस्टर में राममनोहर लोहिया की तस्वीरें दिखाई गई थी। क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव साथ लड़ा था। लेकिन चुनाव के बाद आए परिणाम में बसपा को दस और सपा को पांच सीटें मिली।
NewsNov 8, 2019, 8:47 AM IST
गेस्ट हाउस कांड को लेकर फिर 'मुलायम' हुईं माया
इस साल लोकसभा चुनाव में करीब ढाई दशक के बाद मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक ही मंच पर दिखे। मायावती ने मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में वोट भी मांगे और मुलायम ने मायावती की जमकर तारीफ की। लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाकर दोनों दलों इतिहास तो रचा लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चला।
NewsNov 7, 2019, 8:37 AM IST
जानें क्यों उपचुनाव हार के बाद माया ने फिर भंग की सभी जिला इकाइयां
लोकसभा चुनाव में मिली दस सीटों से गदगद मायावती ने पार्टी संगठन में फेरबदल किया था। लेकिन महज छह महीने में ही विधानसभा उपचुनाव में बसपा को करारी हार मिली है। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई है वहीं अंबेडकरनगर की सीट में पार्टी को हार मिली है। यही नहीं रामपुर में पार्टी के प्रत्याशी की जमानत भी नहीं बची है। जिसके बाद मायावती ने फिर से संगठन में बदलाव किया है।
NewsOct 25, 2019, 8:28 AM IST
क्या पहली बार उपचुनाव में उतरकर माया ने की गलती, गढ़ को भी नहीं बचा पाई बसपा
बहुजन समाज पार्टी के इतिहास में मायावती ने पहली बार उपचुनाव में किस्मत को आजमाने का फैसला किया था। बसपा इससे पहले कभी उपचुनाव नहीं लड़ी बल्कि वह उपचुनाव के जरिए जनता का मूड भांपने का काम करती थी। लेकिन पहली बार मायावती की अगुवाई में पार्टी ने राज्य की 11 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारे। हालांकि पार्टी ये मान कर चल रही थी कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का फायदा उसे मिलेगा। लेकिन बसपा को हार का सामना करना पड़ा।
NewsOct 19, 2019, 8:50 AM IST
भाजपा को छोड़ चुनाव प्रचार के मैदान से गायब हैं दिग्गज
आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। ये उपचुनाव सभी राजनैतिक दलों के लिए काफी अहम हैं। खासतौर से भाजपा और सपा के लिए। लेकिन दिलचस्प ये है कि प्रचार से ज्यादातर बड़े नेताओं में दूरी बनाकर रखी है। जबकि भाजपा ने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है।
NationOct 13, 2019, 12:27 PM IST
बिजनौर में बसपा नेता की हत्या में शामिल गैंगस्टर दिल्ली से गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद में बसपा नेता और उसके भतीजे की गोली मारकर हत्या करने में कथित रूप से शामिल रहे एक गैंगस्टर और उसके शार्पशूटर को दिल्ली के कड़कड़डूमा अदालत के पास से गिरफ्तार किया गया है।
NewsSep 25, 2019, 2:30 PM IST
दो लाख महीना कमाने वाले माया के पूर्व प्रमुख सचिव की 230 करोड़ की 'बेनामी' संपत्ति जब्त
असल में कुछ महीने पहले आयकर विभाग ने नेतराम के प्रतिष्ठानों में छापे मारे थे। जहां से उनकी अघोषित संपत्ति के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिली थी। इसके बाद ईडी ने भी नेतराम से पूछताछ की थी। हालांकि नेतराम को गिरफ्तार नहीं किया गया। लेकिन आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेन-देन निषेध कानून, 1988 की धारा 24(तीन) के तहत कार्यवाही की है। नेतराम उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईएएस अफसर थे और वह कई सालों से गन्ना और चीनी विकास विभाग में प्रमुख सचिव भी रहे।
NewsSep 23, 2019, 9:27 AM IST
शाह का फार्मूला यूपी में लागू करेंगे योगी
असल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। क्योंकि परिषद में सबसे ज्यादा सदस्य सपा के हैं और इसके बाद भाजपा के। 100 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा को अपने बिल को पास कराने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लिहाजा सरकार के बिल परिषद में पारित न होने के कारण अकसर लटक जाते हैं।