बीजेपी ने इसे राज्य के लिए संवैधानिक संकट बताया क्योंकि एक महीने से ज्यादा होने के बावजूद मंत्री ने कामकाज नहीं संभाला। पिछले दिनों कैप्टन आलाकमान के भी अल्टीमेटम दे चुके हैं कि या सिद्धू अपना विभाग संभालें या फिर वह किसी अन्य को ऊर्जा विभाग का मंत्री नियुक्त करेंगे। असल में नगर विकास से सिद्धू की विदाई होने के बाद उनके विभाग की विजिलेंस जांच शुरू हो गयी है।