साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2009 से धीरे-धीरे हिन्दुत्व के कारण सरकारी उत्पीड़न का शिकार होने वाली तथा तमाम विकट परिस्थितियां उत्पन्न किए जाने के बावजूद नहीं डिगने वाली व्यक्तित्व के रुप में उभरी हैं। जब उन्हें जमानत मिली तो उनको रीसीव करने वाले तथा भोपाल में इलाज के दौरान उनसे मिलने आने वालों की संख्या से पता चलता था कि उनकी लोकप्रियता कितनी बढ़ चुकी है।