इस स्कूल को एक महीने पहले खोला गया है और इसमें तीन सौ से ज्यादा नक्सली पढ़ रहे हैं। कई नक्सलियों ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण किया। हालांकि ये पढ़े लिखे नहीं थे और इन्होंने जिला प्रशासन से पढ़ने की इच्छा जताई। जिसके बाद इस स्कूल को खोला गया है। इन नक्सलियों को पढ़ाने के लिए स्कूल में तीन अध्यापक हैं।