कहते हैं कि जब एक रास्ता बंद होता है, तो नये अवसरों के द्वार भी खुलते हैं। दिल्ली के रहने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के साथ भी ऐसा ही हुआ। हॉन्गकॉन्ग में बिजनेस कर रहे थे। अचानक उनके चाचा का देहांत हो गया तो वह अपना कारोबार समेट कर भारत आ गए। चीन के मार्केट की समझ उनके काम आई।