फिलहाल कहा जा रहा है कि कांग्रेस और सचिन पायलट के बीच कोई समझौता हो सकता है और पार्टी पायलट की शर्तों को मान सकती है। बशर्ते उन्हें ये साबित करना होगा कि वह भाजपा के संपर्क में नहीं हैं। वहीं अशोक गहलोत किसी भी हाल में पायलट को दोबारा साथ नहीं रखना चाहते हैं।