असल में ये कहानी काफी लंबी है। लेकिन इसे राजेश पांडे या सोनिया की मेहनत का ही नतीजा है कि वह लगातार अपने अधिकार के लिए पिछले तीन साल से लड़ रही थी। हालांकि पुरूष के तौर पर जन्म लेने वाले राजेश पांडे को जब ये अहसास हुआ है कि उसके अंदर महिलाओं के गुण हैं तो उसने इसके लिए अपना लिंग परिवर्तन कराया। लेकिन न तो समाज ने माना लेकिन न ही सरकार। लिहाजा उसने एक लंबी लड़ाई लड़ी और अब इसे इसके लिए सफलता मिली है।