पाकिस्तान में सरकार आर्थिक तौर पर कंगाल हो गयी है। पाकिस्तान को देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कड़ी शर्तों पर कर्ज लेना पड़ रहा है। जिसके कारण सरकार को नए-नए टैक्स लगाने पड़ रहे हैं और पुरानी टैक्स रियायतों को वापस लेना पड़ा रहा है।