हालांकि पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का भारत सरकार ने विरोध किया है। लेकिन पाकिस्तान इस टैक्स को लगाने में अड़ा हुआ है। पाकिस्तान आर्थिक तौर पर पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। लिहाजा अब तीर्थ यात्रियों के जरिए अपनी खराब अर्थव्यवस्था को सुधारना चाहता है। पाकिस्तान को हर साल करीब 252 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।