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  • Mamta didi on the path of Kejriwal, played big betMamta didi on the path of Kejriwal, played big bet

    NewsFeb 11, 2020, 6:48 AM IST

    केजरीवाल की राह पर चली ममता दीदी, खेला बड़ा दांव

    दिल्ली की केजरीवाल सरकार लोगों को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। मौजूदा विधानसभा चुनाव में फ्री बिजली को लेकर खूब चर्चा हुई और जनता ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को जमकर सराहा।
    हालांकि ममता बनर्जी सरकार से पहले झारखंड सरकार भी दिल्ली की तरह ये फैसला राज्य में लागू कर सकी है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने भी राज्य में फ्री बिजली देने की तैयारी शुरू कर दी है।

  • Fearing defeat, Ashok Gehlot changed his decisionFearing defeat, Ashok Gehlot changed his decision

    NewsOct 15, 2019, 7:57 AM IST

    क्या हार के डर से अशोक गहलोत ने बदला अपना ही फैसला

    असल में राजस्थान में निकाय चुनाव होने हैं। पहले सरकार ने फैसला किया था कि निकायों के प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराया जाएगा। लेकिन बाद में सरकार ने इसे बदलते हुए नया आदेश दिया है कि चुने गए प्रतिनिधि ही निकाय प्रमुख का चुनाव करेंगे। ऐसे में विपक्ष दल भाजपा को मौका मिल गया है। जिसके बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गई है। 

  • after indulge BSP MLA in party Gehlot became powerful but pilot defeatafter indulge BSP MLA in party Gehlot became powerful but pilot defeat

    NewsSep 18, 2019, 7:44 AM IST

    ‘हाथी’ के जरिए मजबूत हुए गहलोत तो चित हुए पायलट

    अपने जादू से किसी दौर में लोगों को अपने बस मे करने वाले राज्य के सीएम अशोक गहलोत के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया है। हालांकि गहलोत ऐसा पहले भी कर चुके हैं। 2009 में जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त भी उन्होंने बसपा के छह विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल कराया था।

  • North Korea leader Kim Jong Un cast his vote, almost 100 percent turnoutNorth Korea leader Kim Jong Un cast his vote, almost 100 percent turnout

    NewsJul 22, 2019, 7:23 PM IST

    किम जोंग उन के देश में करीब 100 फीसदी मतदान, जानें कैसे होती है इतनी वोटिंग

    अकसर अपने हरकतों के कारण चर्चा में रहने वाले किम जोंग इस बार फिर अपने देश में चुनाव को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल उत्तर कोरिया में चुनाव होना महज एक औपचारिकता भर होते हैं। क्योंकि यहां पर कोई विपक्षी पार्टी नहीं है और न ही कोई विपक्ष नेता है। सिर्फ किम जोंग की पार्टी ही चुनाव में हिस्सा लेती है। यही नहीं लोगों को मतदान करनी अनिवार्य होता है।