मालविका अय्यर हिम्मत और दृढ़ संकल्प का एक ऐसा उदाहरण है जिन्होंने बहुत छोटी उम्र में एक हादसे में दोनों हाथ गंवा दिए। 18 महीने बिस्तर पर रही। लेकिन प्रोस्थेटिक हाथ से एग्जाम देकर हाई स्कूल में टॉप किया। मालविका की बहादुरी का किस्सा सुनकर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने मालविका को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया को हैंडल करने वाले लोगों में उनका नाम चुना गया और आज मालविका दिव्यांग होकर भी दुनिया की बड़ी मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर जानी जाती हैं।