Mayawati
(Search results - 195)NewsDec 3, 2019, 12:40 PM IST
अम्बेडकर के जरिए दलितों को साधने के लिए सपा-बसपा में शुरू हुई जंग
असल में इस साल की शुरूआत में सपा के बैनर और पोस्टरों में आम्बेडर और काशीराम की तस्वीरें दिखाई दी थी तो बसपा के पोस्टर में राममनोहर लोहिया की तस्वीरें दिखाई गई थी। क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव साथ लड़ा था। लेकिन चुनाव के बाद आए परिणाम में बसपा को दस और सपा को पांच सीटें मिली।
NewsNov 8, 2019, 8:47 AM IST
गेस्ट हाउस कांड को लेकर फिर 'मुलायम' हुईं माया
इस साल लोकसभा चुनाव में करीब ढाई दशक के बाद मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक ही मंच पर दिखे। मायावती ने मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में वोट भी मांगे और मुलायम ने मायावती की जमकर तारीफ की। लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाकर दोनों दलों इतिहास तो रचा लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चला।
NewsNov 7, 2019, 8:37 AM IST
जानें क्यों उपचुनाव हार के बाद माया ने फिर भंग की सभी जिला इकाइयां
लोकसभा चुनाव में मिली दस सीटों से गदगद मायावती ने पार्टी संगठन में फेरबदल किया था। लेकिन महज छह महीने में ही विधानसभा उपचुनाव में बसपा को करारी हार मिली है। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई है वहीं अंबेडकरनगर की सीट में पार्टी को हार मिली है। यही नहीं रामपुर में पार्टी के प्रत्याशी की जमानत भी नहीं बची है। जिसके बाद मायावती ने फिर से संगठन में बदलाव किया है।
NewsOct 25, 2019, 8:28 AM IST
क्या पहली बार उपचुनाव में उतरकर माया ने की गलती, गढ़ को भी नहीं बचा पाई बसपा
बहुजन समाज पार्टी के इतिहास में मायावती ने पहली बार उपचुनाव में किस्मत को आजमाने का फैसला किया था। बसपा इससे पहले कभी उपचुनाव नहीं लड़ी बल्कि वह उपचुनाव के जरिए जनता का मूड भांपने का काम करती थी। लेकिन पहली बार मायावती की अगुवाई में पार्टी ने राज्य की 11 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारे। हालांकि पार्टी ये मान कर चल रही थी कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का फायदा उसे मिलेगा। लेकिन बसपा को हार का सामना करना पड़ा।
NewsOct 19, 2019, 8:50 AM IST
भाजपा को छोड़ चुनाव प्रचार के मैदान से गायब हैं दिग्गज
आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। ये उपचुनाव सभी राजनैतिक दलों के लिए काफी अहम हैं। खासतौर से भाजपा और सपा के लिए। लेकिन दिलचस्प ये है कि प्रचार से ज्यादातर बड़े नेताओं में दूरी बनाकर रखी है। जबकि भाजपा ने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है।
NewsSep 25, 2019, 2:30 PM IST
दो लाख महीना कमाने वाले माया के पूर्व प्रमुख सचिव की 230 करोड़ की 'बेनामी' संपत्ति जब्त
असल में कुछ महीने पहले आयकर विभाग ने नेतराम के प्रतिष्ठानों में छापे मारे थे। जहां से उनकी अघोषित संपत्ति के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिली थी। इसके बाद ईडी ने भी नेतराम से पूछताछ की थी। हालांकि नेतराम को गिरफ्तार नहीं किया गया। लेकिन आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेन-देन निषेध कानून, 1988 की धारा 24(तीन) के तहत कार्यवाही की है। नेतराम उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईएएस अफसर थे और वह कई सालों से गन्ना और चीनी विकास विभाग में प्रमुख सचिव भी रहे।
NewsSep 23, 2019, 9:27 AM IST
शाह का फार्मूला यूपी में लागू करेंगे योगी
असल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। क्योंकि परिषद में सबसे ज्यादा सदस्य सपा के हैं और इसके बाद भाजपा के। 100 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा को अपने बिल को पास कराने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लिहाजा सरकार के बिल परिषद में पारित न होने के कारण अकसर लटक जाते हैं।
NewsSep 21, 2019, 2:07 PM IST
...तो चुनावी बिसात में ऐसे अखिलेश यादव देंगे माया बुआ को पटखनी
राज्य में 13 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। लेकिन मायावती ने अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन अखिलेश यादव ने मायावती के खिलाफ अभी तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है। लेकिन अब अखिलेश मायावती को राजनैतिक तौर पर पटखनी देने की तैयारी में हैं।
NewsSep 19, 2019, 9:13 AM IST
गहलोत की एक भूल कहीं महंगी न पड़ जाए सोनिया को
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बनाने की कवायद कर रही हैं और ऐसे में बसपा उसके लिए अहम साथी हो सकती है। लेकिन गहलोत की इस तेजी से कांग्रेस के नेता भी डरे हुए हैं क्योंकि तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा की नाराजगी का खामियाजा कांग्रेस को ही उठाना होगा।
NewsSep 18, 2019, 7:44 AM IST
‘हाथी’ के जरिए मजबूत हुए गहलोत तो चित हुए पायलट
अपने जादू से किसी दौर में लोगों को अपने बस मे करने वाले राज्य के सीएम अशोक गहलोत के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया है। हालांकि गहलोत ऐसा पहले भी कर चुके हैं। 2009 में जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त भी उन्होंने बसपा के छह विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल कराया था।
NewsSep 17, 2019, 2:18 PM IST
राजस्थान में ऑपरेशन 'हाथी' पर माया ने कहा धोखेबाज है कांग्रेस
राजस्थान को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को घेरा और जमकर प्रतिक्रिया दी। मायावती ने इस मुद्दे पर तीन ट्वीट किए और इसमें सीधे तौर पर कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी करार दिया। राजस्थान में बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। लेकिन सोमवार की शाम को बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी दी।
NewsSep 17, 2019, 7:15 AM IST
कांग्रेस के ऑपरेशन 'हाथी' से मायावती को लगा बड़ा झटका
पिछले दिनों ही बसपा विधायक ने ये कहकर सबको चौंका दिया था कि बसपा में पैसे लेकर टिकट बांटे जाते हैं और जो जितना पैसा देता है। उसका टिकट तय माना जाता है। कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों में राजेन्द्र गुढा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लाखन सिंह मीणा, संदीप यादव और दीपचंद खेरिया हैं।
NewsSep 10, 2019, 2:22 PM IST
हाथ न हाथी अब अखिलेश करेंगे अकेले साइकिल की सवारी
पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव ने आगामी चुनावों में किसी भी राजनैतिक दल के साथ नहीं करने का फैसला किया है। पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने के बाद अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ और लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन किया था।
NewsSep 9, 2019, 10:27 AM IST
हरियाणा में क्या हाथ और हाथी आएंगे साथ!
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष कुमारी शैलजा और विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने रविवार रात को बसपा प्रमुख मायावती के साथ दिल्ली में मुलाकात की। बसपा राज्य में दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव के लिए करार तोड़ चुकी है।
NewsSep 2, 2019, 2:48 PM IST
यूपी में 2022 से यूपी में राजनैतिक दलों की हैसियत बताएंगे उपचुनाव
राज्य में 13 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं। एक सीट के लिए चुनावा आयोग ने तारीख की घोषणा कर दी है। जबकि 12 सीटों पर जल्द ही चुनाव की घोषणा होनी है। ऐसे में सभी राजनैतिक दलों ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। इस मामले में सबसे पहले बसपा ने इन सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है जबकि सपा ने एक सीट पर नाम घोषित किया है जबकि भाजपा ने किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है।