अगर कांग्रेस की सरकार बनने पर राहुल गांधी की योजना पर अमल होता है तो इस पर सालाना 3.60 लाख करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। यह 2019-20 के बजटीय खर्च का 13 प्रतिशत हिस्सा होगा। यह रकम मोदी सरकार द्वारा कल्याण योजनाओं पर सालाना खर्च किए जा रहे 5 लाख 3 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगी। राहुल गांधी और उनके सलाहकारों को भारत में कहां कुबेर का खजाना दिख गया है। इसीलिए देश का एक-एक अर्थशास्त्री इसका विरोध कर रहा है। राहुल गांधी की यह घोषणा भ्रम फैलाने वाली तो है ही देश की अर्थव्यस्था के लिए विनाशक भी है।