किसी भी नये काम की शुरुआत में मुश्किलें आती हैं। रायबरेली के डॉ. नितिन सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। जब साल 2016 में इजराइल से वापस आने के बाद उन्होंने मधुमक्खी पालन का काम शुरु किया। दोस्त और परिवार के लोग कहने लगे कि इतना पढ़ाई करके क्या हुआ, जब मधुमक्खी पालन कर रहे हो। लोगों ने उनकी खिल्लियां उड़ानी शुरु कर दी। ताने सुनने के बाद भी नितिन अपने मकसद से डिगे नहीं।